क्रांतिवीर तात्या टोपे की बलिदान स्थली को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान: सांसद डॉ केपी यादव




लोकसभा सत्र में सांसद ने उठाया था मुद्दा


शिवपुरी। क्रांतिवीर तात्या टोपे का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। यह हमारे लिए गौरव की बात है कि शिवपुरी महान क्रांतिकारी की बलिदान स्थली के रूप में विख्यात है। परंतु दुर्भाग्य है कि स्वतंत्रता के कितने वर्षों बाद भी क्रांतिवीर तात्या टोपे जी की बलिदान स्थली को वह स्वरूप प्राप्त नहीं हो सका जिसके वह हकदार थे।लेकिन भारतीय जनता पार्टी के सांसद डॉक्टर के पी यादव ने विगत लोकसभा सत्र में क्रांतिवीर तात्या टोपे की समाधि स्थली को अंतरराष्ट्रीय महत्व के पर्यटन स्थल व मेमोरियल संग्रहालय के रूप में विकसित करने की मांग रखी एवं केंद्रीय पर्यटन व संस्कृति मंत्री पहलाद पटेल जी से मिलकर अमृत योजना के अंतर्गत विकसित किए जाने का प्रस्ताव रखा।



जिस पर संस्कृति मंत्रालय द्वारा कार्यवाही करते हुए मध्यप्रदेश संस्कृति मंत्रालय को पत्र लिखकर अमृत योजना के तहत समाधि स्थल को अंतरराष्ट्रीय महत्व के संग्रहालय व पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने हेतु प्रस्ताव तैयार करने हेतु निर्देश दिए। जिस पर मध्य प्रदेश के संस्कृति मंत्रालय द्वारा शिवपुरी कलेक्टर को पत्र लिखकर उक्त प्रस्ताव को तैयार कराने के निर्देश दिए।



गौरतलब है कि प्रथम स्वातंत्र्य समर के सेनानायक रहे क्रांतिवीर तात्या टोपे ने बड़े साहस और पराक्रम के साथ अंग्रेजों से लोहा लिया। अंग्रेजों ने उनको धोखे से गिरफ्तार करके शिवपुरी में फांसी के तख्ते पर शहीद कर दिया।


वीर तात्या टोपे जी के वंशज श्री सुभाष टोपे जी उनकी समाधि स्थल को विकसित करने हेतु लंबे समय से प्रयासरत हैं। साथ ही शिवपुरी की स्थानीय सामाजिक संस्थाएं भी इस दिशा में कार्यरत हैं। सांसद डॉक्टर के पी यादव ने सभी की राष्ट्रीय भावनाओं का सम्मान करते हुए इस मुद्दे को संसद में उठाया व केंद्रीय मंत्री से मिलकर समाधि स्थल को विकसित करने संबंधी मांग रखी। 



सांसद डॉक्टर के पी यादव का कहना है कि क्रांतिवीर तात्या टोपे जी की समाधि स्थल विकसित होने से इस स्थान को अंतरराष्ट्रीय पहचान प्राप्त होगी,वही शिवपुरी मध्य प्रदेश की पर्यटन नगरी के रूप में मानी जाती है समाधि स्थल के विकसित होने से यहां स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे व हमारी भावी पीढ़ी को हमारे महानायक-महापुरुषों के बारे में जानने का अवसर प्राप्त होगा एवं उनमें राष्ट्रीय भावना विकसित होगी।

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