फैल रहा कोरोना, घरेलू नुस्खों से बचाव संभव: आचार्यश्री


तेंदूखेड़ा-वैज्ञानिक संत आचार्यश्री निर्भय सागर जी  महाराज ससंघ जिले की तेंदूखेड़ा तहसील में दिगंबर मंदिर में विराजमान हैं। जहां प्रतिदिन संघ का स्वाध्याय चल रहा है। कोरोना महामारी को देखते हुए जैन धर्म के ग्रंथों का गहन रूप से अध्ययन आचार्यश्री अपने शिष्यों को करा रहे हैं। आचार्यश्री ने कहा कि कोरोना महामारी सामूहिक पाप कर्म के उदय से फैली है। जब हम समूह रूप में किसी हिंसा, झूठ, हत्या आदि का समर्थन करते हैं, तब ऐसी महामारी फैलती है। कोरोना महामारी फैलने में मुख्य कारण लापरवाही है। लापरवाही से बचना होगा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में हमारे देश के अंदर कोबरा एवं पाइथन कोविड-19 इस प्रकार दो तरह की बीमारी फैली है। कोबरा कोविड-19 सीधे फेफड़ों पर प्रभाव करती है जो युवाओं को भी नहीं छोड़ती। यदि 5 दिन में व्यक्ति उपचार करा लेता है तब ठीक है अन्यथा प्राण बचाना भी मुश्किल हो जाता है। बच्चों में किडनी, लीवर, पेट दर्द, सिरदर्द, उल्टी, बुखार इत्यादि लक्षण उभर कर आते हैं। आचार्यश्री ने कुछ घरेलू उपचार बताते हुए कहा कि शक्कर, दही, खट्टे पदार्थ इत्यादि का परहेज करना चाहिए। गरम पानी पीना चाहिए, क्योंकि गर्म पानी पीने से शरीर के विषैले तत्व निकल जाते हैं। ब्लड सर्कुलेशन ठीक ढंग से होता है। शरीर की एक्स्ट्रा चर्बी निकल जाती है।
तनाव, टॉक्सिक, अपच गैस और कब्जियत दूर हो जाती है। लेकिन बहुत गर्म पानी नहीं पीना चाहिए। बहुत अधिक चाय जैसा गर्म पानी पीने से ब्रेन की नस फूलने लगती है और सूजन आ जाती है। वर्तमान में भोजन को औषधीय बनाना चाहिए। इसलिए भोजन के साथ में अजवाइन, काली मिर्च और हल्दी, अदरक, त्रिफला, त्रिकटु चूर्ण, गिलोय, तुलसी की पत्ती, शतावर चूर्ण, बेल का रस, धनिया, सौफ, जीरा, लौंग, इलाइची एवं दालचीनी आदि का सेवन करना चाहिए। कोरोना एवं लॉकडाउन को देखते हुए आचार्यश्री अभी दो-तीन दिन और रुक सकते हैं। इस मौके पर आचार्य श्री निर्भय महाराज के दीक्षा गुरु आचार्यश्री अभिनंदन सागर महाराज की जन्म जयंती के अवसर पर गुरु महाराज जी की पूजा की गई। व शांतिनाथ महामंडल विधान किया गया।
                   संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी

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