इंदौर। स्वास्थ्य अधिकारी पूर्णिमा डागरिया और इंदौर कलेक्टर के बीच अनबन का विवाद गहराता जा रहा है। स्वास्थ्यकर्मी अब मनीष सिंह के खिलाफ लामबंद हो गए हैँ। गुरुवार शाम बड़ी संख्या में स्वास्थ्य अधिकारी संभाग आयुक्त पवन शर्मा के कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने ज्ञापन दिया। इसमें कलेक्टर मनीष सिंह को तत्काल हटाने की मांग की है।
डॉ. पूर्णिमा डगरिया ने कहा- यदि कलेक्टर को नहीं हटाया, तो सभी स्वास्थ्य कर्मचारी एक साथ सामूहिक इस्तीफा दे देंगे। मनीषसिंह शिवराजसिंह के सबसे भरोसेमंद कलेक्टर माने जाते हैं। नगर निगम इंदौर में आयुक्त रह चुके हैं और सफाई को लेकर सुर्खियों में रहे। इसके बाद शिप्रा में स्नान के लिए गंदे पानी के मुद्दे पर तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने उन्हें उज्जैन कलेक्टर पद से हटा दिया था। बाद में शिवराज सरकार ने लौटते ही मनीषसिंह को इंदौर का कलेक्टर बनाया।
ज्ञापन में कहा गया है, 7 मई की सुबह 8 बजे से लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सभी अधिकारी व कर्मचारी काम करने में असमर्थ रहेंगे। यह अधिकारी व कर्मचारी तब तक काम नहीं करेंगे, जब तक मनीष सिंह को हटाया नहीं जाता।
स्वास्थ्य विभाग के संगठनों द्वारा इस संबंध में आगे की रणनीति तैयार की जा रही है। वहीं, दूसरी ओर एमजीएम में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल शुरू हो गई है। संविदाकर्मी हड़ताल की चेतावनी दे रहे हैं। शासन-प्रशासन से मेडिकल कर्मियों की इस जंग में सीधा खामियाजा जनता को भुगतना होगा।

