विपदा काल में संजीवनी बनके उभरा नवजीवन हॉस्पिटल
शिवपुरी। यूं तो शिवपुरी जिले में मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय के अतिरिक्त सैकड़ों निजी अस्पताल है जिनमें कोरोना काल के दौरान काफी मारामारी की खबरें आए दिन सामने आती रही । सिर्फ इतना ही नहीं शहर के ऐसे कई बड़े अस्पताल हैं जिनमें एक के बाद एक मरीजों के साथ चोरी दुर्व्यवहार गाली-गलौज से लेकर कई तरह की घटनाएं सामने आती रही है।
परंतु पोहरी बस स्टैंड के नजदीक स्थित नवजीवन हॉस्पिटल कोरोना काल में मरीजों के साथ अच्छे व्यवहार और शानदार इलाज के लिए जाना जाने लगा है। नवजीवन हॉस्पिटल की बात करें तो यहां आने वाले मरीजों की जेब पर भी डाका नहीं डाला जाता है जिस तरह से शहर के अन्य निजी अस्पतालों द्वारा लूट खासौट मरीजों के साथ की जाती है इसके विपरीत नवजीवन हॉस्पिटल के डॉक्टर और स्टाफ मृदुभाषी होने के साथ-साथ अपनी जिम्मेदारी के साथ मरीजों का ख्याल रखते हैं ।
नवजीवन हॉस्पिटल में डॉक्टर अरविंद धाकड़ 24 घंटे अपनी सेवाएं देते हैं और हर पल मरीजों की जानकारी लेते रहते हैं। रात में 12:00 बजे के बाद भी यदि कोई मरीज आता है तो डॉक्टर अरविंद धाकड़ स्वयं उसे देखने के लिए क्लीनिक पर आते हैं ।इतना ही नहीं नवजीवन हॉस्पिटल के मैनेजर मोंटू प्रदीप तोमर द्वारा कोरोना पीड़ित मरीजों को आवाजाही के लिए खुद की तरफ से एक निशुल्क एंबुलेंस भी शिवपुरी शहर में लगा रखी है इसका लाभ अब तक सैकड़ों पीड़ित उठा चुके हैं ।कुल मिलाकर आपदा में अवसर ना खोजते हुए पीड़ितों की सेवा करने के नए आयाम निर्मित करता हुआ।
नवजीवन हॉस्पिटल कोरोना मरीजों के लिए संजीवनी के रूप में उभर कर सामने आया है। वहीं इनके डाक्टर और स्टाफ का व्यवहार मरीजों को पॉजिटिविटी प्रदान करता है।
