भोपाल। कोरोना संक्रमित ऐसे लोग जो धूम्रपान करते हैं, उनमें संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। साथ ही ऐसे धूम्रपान करने वाले लोग संक्रमण की चपेट में भी जल्दी आ रहे हैं और ठीक होने में भी समय अधिक लग रहा है। इसका कारण है कि धूम्रपान के कारण फेफड़े पहले ही सिकुड़ गए हैं। साथ सिगरेट पीने या गुटखा व तम्बाकू का इस्तेमाल करने पर पहले ही कई तरह की छोटी-छोटी बीमारियां पनपने लगती हैं। धूम्रपान के आदि लोगों में हांफना और सांस तेजी से लेने की समस्या हो जाती है। ऐसे में कोरोना संक्रमण फैलने पर सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा धूम्रपान करने वालों के शरीर को अधिक क्षति पहुंचती है।
आइएमए के नेशनल चेयरमेन व कैंसर तम्बाकू नियंत्रण समिति के सदस्य डाक्टर दिलीप आचार्य ने बताया कि एक स्टडी के अनुसार कोरोना का संक्रमण होने पर धूम्रपान करने वालों को निमोनिया होने पर 14 गुना अधिक खतरा हो सकता हैं। धूम्रपान करने वालों को इन्फ्लूएंजा या सामान्य बुखार भी धूम्रपान न करने वालों की तुलना में 34 प्रतिशत अधिक होने की संभावना रहती है। खांसी भी सामान्य लोगों की अपेक्षा जल्दी होती है, जिससे फेफड़ों को नुकसान होता है।
कोरोना वायरस का असर बुजुर्ग, डायबिटिज, कैंसर, ब्लड प्रेशर व दिल के मरीजों पर ज्यादा होता है। धूम्रपान करने वालों को कोरोना वायरस से बचाव की विशेष आवश्यकता है, क्योंकि वायरस का सीधा असर फेफड़ों पर होता है और धूम्रपान करने वालों के फेफड़े पहले से ही कमजोर हो सकते हैं। उन्हें फेफड़े की बीमारी भी हो सकती है। ऐसे में वायरस का असर ख़तरनाक हो सकता है। सिगरेट पीते समय अंगुलियां व सिगरेट मुंह के पास जाती हैं, जिससे संक्रमण होने का अंदेशा बढ़ जाता है।