MP NEWS - कोरोना काल में आया प्रदेश का पहला कारनामा, हवा भरते ही टेंटनुमा आकृति आकार ले लेता है ये हॉस्पिटल, जानिए क्या है इसकी खासियत

 




भोपाल। अस्पतालों में बिस्तर खाली नहीं होने से भटक रहे कोरोना मरीजों के लिए बड़ी राहत की तस्वीर सामने आई है। जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर में 20 बिस्तरों का अस्थाई कोविड वार्ड बनाया जा रहा है। प्रदेश में पहली बार प्रायोगिक तौर पर इनफ्लैटेबल स्ट्रक्चर मटेरियल से बने इस प्री मेड वॉर्ड को स्कूल ऑफ एक्सिलेंस इन पलमोनरी मेडिसिन की पार्किंग में लगाया जा रहा है।


टेंटनुमा एसी युक्त यह मेडिकल वॉर्ड है जिसे तीन दिन में इलाज के लिए तैयार किया जा रहा है। कोरोना संकट के बीच तैयार किए जा रहे इस अस्थाई पोर्टेबल मेडिकल यूनिट में चिकित्सा संबंधी अत्यावश्यक और आधुनिक सुविधाएं रहेंगी जिसमे जल्द मरीजों को भर्ती करके उपचार शुरू करने की भी तैयारी है।





खास बात ये है कि इस वॉर्ड में भर्ती मरीजों के लिए वहीं ऑक्सीजन भी तैयार होगी। इसके लिए वॉर्ड के साथ ही एक एयर सेपरेशन यूनिट भी है। वेंटिलेटर सहित अन्य आपातकालीन सुविधाओं से यह वॉर्ड लैस रहेगा। अपनी तरह के इस खास चिकित्सा सुविधाओं वाले वॉर्ड को प्रदेश में सबसे पहले जबलपुर में उपयोग में लाने का निर्णय हुआ है।


हवा भरते ही आकार ले लेगा

इनफ्लैटेबल स्ट्रक्चर मटेरियल से तैयार यह एक पोर्टेबल प्रीमेड वॉर्ड है। हवा भरते ही इसकी टेंटनुमा आकृति आकार ले लेती है। अंदर कुछ इंटीरियर और चिकित्सा उपकरण रखते ही ये मिनी अस्पताल में बदल जाता है। इस चिकित्सा वॉर्ड की टेंट सहित पूरी सामग्री एक मिनी ट्रक में आ जाती है। पोर्टेबल होने के कारण इसे खोलकर एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाना आसान होता है।


बिजली-पानी उपलब्ध होने पर 36 से 72 घंटे के अंदर इस वॉर्ड को बनाकर मरीजों को भर्ती किया जा सकता है। जबलपुर के संयुक्त संचालक स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मेडिकल कॉलेज में तैयार किया जा रहा डोमनुमा यह पोर्टेबल हॉस्पिटल कोरोना मरीजों के लिए वरदान साबित होगा। शहर और ग्रामीण क्षेत्रो में भी इसके उपयोग पर विचार किया जा रहा है। खासकर कोरोना काल मे ग्रामीण क्षेत्र में युद्ध स्तर की तैयारियों को यह मजबूती दे सकेगा।

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