आचार्य श्री विमल सागर जी महाराज के समाधी दिवस पर भाव भीनी विनयांजलि

विमल की वाणी विमल की वाणी मार्ग कल्याणी मार्ग कल्याणी

कहा गये छोडके हमको गुर्रुवर कहा है तेरे वाणी विमल की वाणी मार्ग कल्याणी

वात्सल्य मूर्ति करुणा सागर तेरी छवी मन भाये विमल बना जग सुना सुना अब तो रहा नहीं जाये

तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखर तेरी पावन गाथा गाये

 सोनागिरी की पावन भूमि तेरे दर्शन को ललचाये

 एक बार तो दर्श दिखा दे रहे न कोई खाली

 मार्ग कल्याणी विमल तेरी वाणी विमल तेरी वाणी

हाथ कमंडल बगल मै पिच्छी नज़र हमे तेरी आये

पूछ रहा वह चुला चोका गुरुवर कहां विसराये

ग्राम कोसमा की माटी चन्दन बनके महकाये

मंद मंद पवन चले सन्देश यही है गाये

विमल सिन्धु जैसा न कोई है न कोई ज्ञानी मार्ग कल्याणी

विमल तेरी वाणी विमल तेरी बाणी

शत शत नमोस्तु

अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमंडी

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