
शिवपुरी। पोहरी तहसील पिछड़ी तहसील होने के कारण पूर्व में अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण करने पर भी कई गांवों में कुपोषित बच्चे मिले थे। अब मड़ीखेड़ा गांव सुर्खियों में आ गया है आपको बता दें कि मड़खेड़ा गांव में दो महीने से पोषण आहार नहीं बांटा गया है। यहां अति कुपोषित हालत में दो साल की बच्ची रजनी का पहला मामला सामने आया था जिसे जिला अस्पताल शिवपुरी के पीआईसीयू में भर्ती कराया गया।

आखिर ऐसा क्यों कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सुपरवाइजर और सीडीपीओ को अति कुपोषित बच्ची के बारे में जानकारी तक नहीं। खबर लगते ही पोहरी एसडीएम जेपी गुप्ता के साथ सिपीडिओ नीरज गुर्जर, सुपरवाइजर सहित मड़ीखेड़ा पहुँचे वहां एसडीएम के निर्देशन में गांव के 5 वर्ष तक के बच्चों की जांच करने पर 3 अतिकुपोषित बच्चे ओर मिले। सभी गांवों में जांच हो तो ओर भी मिल सकते है कुपोषित बच्चे।

जानकारी के अनुसार श्रीराज पुत्र दिग्विजय, वरुण पुत्र दिग्विजय आदिवासी सोनाक्षी माता आनरी आदिवासी को एसडीएम जेपी गुप्ता ने इन बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराने के लिए निर्देशित किया।