भोपाल। ग्वालियर वैसे तो राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का गढ़ माना जाता है, लेकिन शुक्रवार को सिंधिया के गढ़ में गुना सांसद केपी यादव ने दहाड़ लगाई । वह एक मात्र नेता हैं, जो सिंधिया को हार का स्वाद चखा चुके हैं। बलिदान दिवस पर वीरांगना लक्ष्मीबाई की समाधि पर श्रद्धांजलि देने आए सांसद केपी बोलें कि वीरांगना की समाधि पर हर राष्ट्रभक्त को आना चाहिए। चाहे वो कोई भी हो।
जब उनसे पूछा गया कि सिंधिया के बारे में क्या कहना है, उनको भी आना चाहिए। इस पर वह हंसते हुए बोले- यह बलिदान सभा का कार्यक्रम में राजनीति ठीक नहीं रहेगी। हां, उन्होंने शहर का नाम बदलने पर अपनी राय जरूर दी। उनका कहना है कि लोगों की इच्छा है तो वीरांगना के नाम पर शहर का नाम हो जाए तो अच्छी बात है।
राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के दो ही गढ़ माने जाते हैं। ग्वालियर-चंबल अंचल जहां उनका वर्चस्व है। साथ ही शिवपुरी-गुना जहां वह सालों से सांसद का चुनाव जीतते आ रहे थे लेकिन साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सिंधिया का भ्रम तोड़ने वाले केपी यादव ने बता दिया था कि वह किसी से कम नहीं हैं। गुना सांसद केपी यादव ने सिंधिया को चुनाव में हराने के बाद पूरे देश में सुर्खियां बंटोरी थी। अब सिंधिया भी BJP नेता हैं और राज्यसभा सांसद हैं। इसके बाद भी गुना सांसद केपी यादव से उनकी दूरियां किसी से छुपी नहीं हैं। शुक्रवार को गुना सांसद केपी यादव बलिदान दिवस पर ग्वालियर आए थे। यहां उन्होंने वीरांगना लक्ष्मीबाई की समाधि पर पहुंचकर श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भाग लिया।
