शिवपुरी से केपी सिंह, पोहरी से कैलाश कुशवाह, करेरा से प्रागी लाल जाटव पिछोर से शैलेंद्र सिंह, कोलारस से बेजनाथ यादव मैदान में
पोहरी। जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे है बैसे बैसे चुनावी माहोल बदलता जा रहा है। राजनेतिक पार्टियाँ अपना दाव दावेदारों पर रखतीं नजर आ रही है। नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही कांग्रेस ने अपने 144 उम्मीदवारों की सूची घोषित कर दी है । मध्य प्रदेश की राजनीति में यह पहली बार देखने को मिल रहा मिल रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व करने वाले केंद्रीय मंत्री और सांसदों को विधानसभा चुनाव में टिकट दिया गया है । बीते विधानसभा चुनावों पर गौर किया जाए तो प्रत्याशियों का चयन प्रदेश के नेता और चुनाव समितियों की अनुशंसा पर ही टिकट वितरण होता था लेकिन पहली बार केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा टिकट तय किया जा रहे हैं। शिवपुरी की बात करें तो शिवपुरी से केपी सिंह, पोहरी से कैलाश कुशवाह, करेरा से प्रागी लाल जाटव पिछोर से शैलेंद्र सिंह, कोलारस से बेजनाथ यादव के चहरे पर भरोसा जताया है।
बात पोहरी विधानसभा क्षेत्र की करें तो यहां पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार के तौर पर कैलाश कुशवाह को मैदान में उतारा है ।कैलाश कुशवाहा पूर्व में 2018 और उपचुनाव 2020 में बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ चुके हैं और यही नहीं दोनों बार दूसरे स्थान पर रहे हैं । अब क्षेत्र की जनता की निगाहें भाजपा की टिकट पर टिकी हुई है, भाजपा से टिकट के लिए मुख्य रूप से मौजूदा विधायक और पूर्व विधायक सहित महिला नेत्री भी प्रयासरत और प्रबल दावेदार भी हैं। कैलाश कुशवाह के मैदान में आ जाने से अब भारतीय जनता पार्टी के समीकरण बदल गए हैं। कैलाश कुशवाहा को सभी जातियों का समर्थन मिलने के आसार है। और दूसरी सबसे बड़ी बात यह है कि कैलाश कुशवाह के साथ क्षेत्र की जनता की सहानुभूति भी साथ रहेगी क्योंकि वह बीते दो चुनाव हारे हैं, अब वे कांग्रेस की ओर से मैदान में हैं। अब देखना होगा की कुशवाह को चुनौती देने भारतीय जनता पार्टी अपने किस चेहरे पर दांव खेलती है। हालांकि जल्द ही भाजपा की अगली सूची आने की संभावना है और उसमें पोहरी का प्रत्याशी भी हो सकता है।
