पोहरी में सारथी बनकर भारती ने दौड़ाया था विकास रथ




पोहरी। चुनावी दौर है सभी पार्टियां आने वाले समय में विकास के दावे भी कर रही है और दावे भी, लेकिन पोहरी विधानसभा क्षेत्र में जो भी विकास कार्य धरातल पर दिखाई देते हैं तो वो विकास कार्य वर्ष 2008 से 2018 तक के बीच के दिखाई देते हैं। जिसने विकास कराया वो अपने मुंह नहीं बोलते बल्कि गांव गली और चौपालों की चर्चा में यह बात आम जनता कर रही है कि सबको साथ लेकर कोई साथ चला तो वो हैं क्षेत्र से दो बार विधायक रहे प्रहलाद भारती। प्रहलाद भारती पहली बार 2008 में भारतीय जनता पार्टी के टिकिट पर चुनाव लड़े थे और जीत हासिल की, उन्होंने अपने पहले पांच वर्षीय कार्यकाल में सबको साथ लेकर क्षेत्र में विकास रथ को आगे बढ़ाया था और नतीजा पार्टी ने 2013 में एक बार फिर भरोसा जताया, पोहरी के राजनीतिक इतिहास में यह पहली बार हुआ कि कोई व्यक्ति लगातार दो बार जीत हासिल कर सका। दूसरी बार विधायक बनने के बाद प्रहलाद भारती ने पोहरी को विकसित विधानसभा की श्रेणी में लाने के लिए हर क्षेत्र में चाहे आमजन की मूलभूत सुविधाएं हों, शिक्षा , स्वास्थ्य और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए। 

भारती सबको साथ लेकर चलने वाले नेता बने तो आमजन ने उन्हें विकास पुरुष की संज्ञा दी। भारतीय जनता पार्टी ने तीसरी बार उन पर अपना भरोसा कायम रखा और 2018 में एक बार फिर अपना उम्मीदवार बनाया लेकिन कांग्रेस की झूठी घोषणाओं में फंसकर, लोक लुभावन वादे के लालच में आकर पोहरी विधानसभा क्षेत्र की जनता ने अपने विकास के सारथी को अपने जनप्रतिनिधि बनने से वंचित कर दिया जिसका मलाल क्षेत्र की जनता को आज भी है और यही वजह है कि अब 2023 में प्रहलाद भारती को क्षेत्र की जनता भारतीय जनता पार्टी से टिकिट मिले ,इसकी पुरजोर मांग कर रही हैं हालंकि यहां भाजपा का सिटिंग एमएलए है अब यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि पार्टी किसे अपना उम्मीदवार घोषित करेगी लेकिन जनता अपना उम्मीदवार प्रहलाद भारती को मान चुकी है।

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