पोहरी। पोहरी तहसील का आदिवासी क्षेत्र आजकल अवैध शराब का गढ़ बन गया है। शराब ठेकेदार खुलेआम गांव-गांव परचून की दुकान की तरह अवैध दुकानें संचालित करवा रहा है और अंग्रेजी-देसी शराब बिकवा रहा है। विभागीय आदेश और कार्रवाई सिर्फ कागजों तक सीमित हैं, जबकि जमीनी हालात यह बता रहे हैं कि आबकारी विभाग खुद इस गोरखधंधे के आगे नतमस्तक है।
ग्रामीण महिलाएं और जनप्रतिनिधि कई बार लामबंद होकर विरोध जता चुके हैं, लेकिन असर कुछ नहीं हुआ। ग्राम मडखेड़ा, देहदे, भोजपुर, डोभा, महादेवा, जाखनोद, नया गाँव, काकरा, अगर्रा, उपसिल, भावखेड़ी सहित दर्जनों गांवों में अवैध शराब का कारोबार खुलेआम चल रहा है। कुछ दिन पहले थाना पोहरी में मामला भी दर्ज हुआ था, मगर हालात जस के तस हैं।
इस मामले में आबकारी निरीक्षक राहुल गुप्ता का कहना है कि “कार्रवाई के लिए छापामार अभियान चलाया जाएगा। लेकिन धरातल पर इसके विपरीत दिखाई दे रहा है जबकि विभाग की मिली भगत से ही यहाँ खेल पोहरी तहसील मे चलता दिखाई दे रहा है ठेकेदार और उसके सहयोगियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।” लेकिन जमीनी सच्चाई यह है कि कार्रवाई की जगह विभागीय चुप्पी ने पूरे इलाके को शराब की मंडी बना दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार और उसके गुर्गे प्रशासन की अनदेखी का फायदा उठाकर गांवों में अवैध शराब बेच रहे हैं, जिससे युवाओं में नशे की लत तेजी से बढ़ रही है और सामाजिक माहौल बिगड़ रहा है।