बूंदी-सिलोर रोड की मधुबन कॉलोनी के पास रतनविलास गार्डन में चल रहे जैन समाज केे पंच कल्याणक महोत्सव के 7वें दिन गुरुवार को मुनिश्री विश्रांतसागर जी महाराज ने अपनी प्रवचनसभा में कहा कि जिस जगह तीन लोक के स्वामी का मंदिर बन जाता है, वहां की भूमि धन्य हो जाती है।
धर्म करने से ही संसार में सुख-मोक्ष मिलता है। धर्म करने से ही धन मिलता है। धन को जोड़ने का प्रयास मत करो, धर्म करते रहो, धन स्वतः आ जाएगा। धन इसी पर्याय में सुख दे सकता है। धर्म पर भव में भी सुख देता, धर्म के बिना धन मिलता ही नहीं है, इसलिए धन की चिंता नहीं, धर्म की चिंता करो। धर्म करना परन्तु पुण्य की इच्छा मत करना, पुण्य तो स्वतः ही आ जाएगा। धन से धर्म नहीं होता, धन से धार्मिक क्रियाएं हो सकती है। धर्म तो निर्मल भावों से होता है। गलत धारणा को नष्ट करो और धन का विकल्प न करके धर्म करो। धन हो या न हो, भाव निर्मल रखो तो धर्म हो जाएगा।
सकल जैन समाजबंधुओं ने महावीर जयंती व चातुर्मास के लिए उन्हें श्रीफल भेंट किया। इससे पहले सुबह भगवान का मोक्ष कल्याणक संपन्न हुआ, जिसमें मुनिश्री ने मोक्ष कल्याणक की क्रियाएं करवाई।
बूंदी. मधुबन कॉलोनी में मुनि सुव्रतनाथ स्वामी की मूर्ति की स्थापना की गई।
नए मंदिर में वेदी पर विराजे भगवान
हवन के बाद भगवान को सिर पर रखकर जुलूस के रूप में मधुबन कॉलोनी के सुव्रतनाथ नवीन जैन मंदिर पर लाया गया। यहां पर भगवान की शांतिधारा की गई। तीनों मूर्तियों को विराजमान किया मंगल आरती की। मुख्य छत्र भी चढ़ाया गया। भगवान के शिखर पर प्रथम कलश द्वितीय कलश स्थापित किया गया
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
धर्म करने से ही संसार में सुख-मोक्ष मिलता है। धर्म करने से ही धन मिलता है। धन को जोड़ने का प्रयास मत करो, धर्म करते रहो, धन स्वतः आ जाएगा। धन इसी पर्याय में सुख दे सकता है। धर्म पर भव में भी सुख देता, धर्म के बिना धन मिलता ही नहीं है, इसलिए धन की चिंता नहीं, धर्म की चिंता करो। धर्म करना परन्तु पुण्य की इच्छा मत करना, पुण्य तो स्वतः ही आ जाएगा। धन से धर्म नहीं होता, धन से धार्मिक क्रियाएं हो सकती है। धर्म तो निर्मल भावों से होता है। गलत धारणा को नष्ट करो और धन का विकल्प न करके धर्म करो। धन हो या न हो, भाव निर्मल रखो तो धर्म हो जाएगा।
सकल जैन समाजबंधुओं ने महावीर जयंती व चातुर्मास के लिए उन्हें श्रीफल भेंट किया। इससे पहले सुबह भगवान का मोक्ष कल्याणक संपन्न हुआ, जिसमें मुनिश्री ने मोक्ष कल्याणक की क्रियाएं करवाई।
बूंदी. मधुबन कॉलोनी में मुनि सुव्रतनाथ स्वामी की मूर्ति की स्थापना की गई।
नए मंदिर में वेदी पर विराजे भगवान
हवन के बाद भगवान को सिर पर रखकर जुलूस के रूप में मधुबन कॉलोनी के सुव्रतनाथ नवीन जैन मंदिर पर लाया गया। यहां पर भगवान की शांतिधारा की गई। तीनों मूर्तियों को विराजमान किया मंगल आरती की। मुख्य छत्र भी चढ़ाया गया। भगवान के शिखर पर प्रथम कलश द्वितीय कलश स्थापित किया गया
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी