आचार्य श्री 108 श्री ज्ञानसागर जी महाराज का समाधि पूर्वक साय 6.00 बजे देवलोक गमन हो गया है

 निश्चित रूप से एक महान क्षति है आप ज्ञान का भंडार थे आपके द्वारा प्रतिभा सम्मान, ca सम्मेलन,पत्रकार सम्मेलन उभरती प्रतिभा को उठाना ऐसे बिरले संत है जो असाधरण व्यक्तित्व के धनी थे मुझ जेसे अबोध को जो उन्होंने आगे लेखन करने की और आगे बलवती किया  वह मेरे लिए अमूल्य है सदा अविस्मरणीय है
  आप बहुत ही असाधारण व्यक्तित्व थे 
 कहा मिलेगे हमे ज्ञानसागर के चरण दोबारा
 उन्हे मृत्यु ने हमे मृत्यु के समाचार ने मारा 
   बारा की धरती पर जब जब फूल खिलेगे 
 ज्ञानसागर जी महाराज हमे वही मिलेगे 
   शत शत नमन 
   अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी

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