तडपती रही प्रसूता 108 के चालक ने ले जाने से किया इनकार

आबिद बख्श खोड़-पिछोर ब्लॉक मैं आने वाली खोड़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मैं आज एक मामला सामने आया है। जिसमें 108 जननी सुरक्षा एंबुलेंस के चालक के द्वारा प्रसूता व डॉक्टर से अभद्रता कर जननी को ले जाने से इनकार करते हुए ।वाहन को स्वास्थ्य केंद्र से वापस ले जाया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आज सुबह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोड़ पर श्रीमती निशा बेगम पत्नी शोएब कुरैशी प्रसूति हेतु पहुंची थी। जहां पर कार्यरत डॉ नितिन गुप्ता एवं महिला सहयोगी के द्वारा प्रसूता का निरीक्षण किया एवं निरीक्षण के बाद प्रसूता की स्थिति और ठीक न होने की दसा मैं किसी भी विपरीत परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए।खोड़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पदस्थ डॉ नितिन गुप्ता के द्वारा प्रसूता को शिवपुरी जिला अस्पतालके लिए रैफर कर दिया गया।एवं अधीनस्थ महिला कर्मचारी के द्वारा 108 जननी सुरक्षा एक्सप्रेस को बुलाने के लिए फोन करवाया और फोन करने के करीब डेढ़ घंटे के बाद सिरसौद से 108 जननी एक्सप्रेस क्रमांक MP02 AV 4272 खोड़ प्राथमिक स्वास्थ केंद्र पर पहुंची। और पशुता को जननी एक्सप्रेस के द्वारा जिला चिकित्सालय ले जाने के लिए चालक द्वारा प्रसूता से कहा गया। और जब प्रशुता एवं अटेंन्डर वाहन के करीब पहुंची तो वाहन चालक अटेन्डर से कहने लगा कि तुम इसमें नहीं बैठ सकती यह वाहन केवल मरीज के लिए ही है । इसमें अन्य किसी व्यक्ति को नहीं ले जा सकता।चूंकि वाहन मैं पहले से ही दो लोग बैठे हुए थे। इसीलिए अटेन्डर ने उन दोनों व्यक्ति के संबंध में चालक से पूछ लिया। और यह बात चालक को नागवार गुजरी ।इस पर चालक ने कहा कि यह दोनों व्यक्ति मेरे साथ है। महिला अटैन्डर ने इस सम्बंध मैं डॉ नितिन गुप्ता से आग्रह किया। कि वाहन चालक मुझे मरीज के साथ जाने से मना कर रहा है ।इस पर डॉक्टर ने स्वयं वाहन चालक से आग्रह किया कि पेशेंट की हालत अच्छी नहीं है ।जिसके चलते उसे यहां से शिवपुरी रेफर किया गया है। इसीलिए अटेंडर एवं स्वास्थ्य केंद्र से एक कर्मचारी का पेशेंट के साथ जाना अनिवार्य है। इस पर वाहन चालक आग बबूला हो गया ।और नियमों का हवाला देते हुए कहने लगा इसमें केवल मरीज ही जा सकता है। डॉक्टर साहब के द्वारा जब हमें बैठे हुए लोगों के संबंध में चालक से पूछा गया। तो कहने लगा यह टेक्नीशियन हैं।ओर जब डॉक्टर के द्वारा  टेकनिशियन से उसके संबंधित दस्तावेज आदि की जानकारी ली गई तो वह कुछ भी बताने में असमर्थ दिखाई दिया ।और फिर तो वाहन चालक रंजीत सिंह ने अपना आपा ही खो दिया और सभी के साथ अभद्रता करने लगा। घटना की जानकारी लगने के तुरंत बाद ही कुछ पत्रकार मौके पर पहुंचे तो वह उनकी समझाइस के बाद भी पशुता को लेजाने  से मना करते। हुए वाहन वहां से लेकर चला गया ।और जाते जाते कह गया। तुम्हें जो करना है कर लेना ।इसी के साथ उसने पत्रकारों के साथ भी अभद्रतापूर्ण  का व्यवहार किया ।इसके बाद पत्रकारों के द्वारा पुनः 108 पर फोन कर तडप रही प्रसूता को एक बाद पिछोर से वाहन बुलाकर जिला अस्पताल पहुंचाया जा सका। मामला अभी यहीं पर ठंडा नहीं हुआ ।इस घटना के कुछ समय बाद गणेश खेड़ा आशा कार्यकर्ता रचना परिहार के द्वारा 108 कॉल सेंटर पर कॉल किया गया। जिसमें आशा कार्यकर्ता द्वारा प्रसूता को खोड़ स्वास्थ्य केंद्र ले जाने हेतु वाहन की मांग की गई। जिस पर कॉल सेंटर के द्वारा सिरसौद पर मौजूद वाहन चालक रंजीत सिंह का नंबर लाइन पर लेकर वाहन चालक से आशा कार्यकर्ता की बात कराई गई। जिस पर वाहन चालक रंजीत सिंह द्वारा कहा गया ।की मैं खोड़ अस्पताल नहीं जाऊंगा। अगर तुम्हें प्रसूता को लेकर पिछोर चलना है ।तो मैं आ सकता हूं खोड़ अस्पताल के संबंधित मरीज को लेकर मैं नहीं आ सकता। इस तरह की कार्यप्रणाली से साफ जाहिर होता है। कि कुछ लोगों के हौसले कितने बुलंद हो गए हैं। की प्रशासन के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से ना करते हुए। केवल अपनी मस्ती में मस्त नज़र आते दिखाई दे रहे हैं। अता प्रशासन को ऐसे लोगों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करने की अति आवश्यकता है।

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