भोपाल। आखिरकार मेट्रो का प्लान बनने के 10 साल बाद राजधानी में मेट्रो ट्रेन संचालित करने के लिए प्रस्तावित दो रूटों पर जिला प्रशासन ने जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया। 2013 में लाइट मेट्रो के लिए पहली डीपीआर बनाई गई थी। जिसके बाद अब तय हो पाया है कि 27 किमी के दो रूटों (करोंद से एम्स व भदभदा से रत्नागिरी) पर करीब 24 स्टेशन बनाए जाने हैं।
इसके लिए सर्वे कर पता किया जा रहा है कि कहां-किस स्टेशन को बनाने में कितनी जमीन लगेगी? यह जमीन सरकारी होगी या फिर निजी जमीन अधिग्रहित कर स्टेशन बनाना पड़ेगा? कलेक्टर सुदाम पी खाडे ने इसके लिए सभी सर्किल के एसडीएम को आदेश जारी कर दिए हैं।
इधर, सबसे ज्यादा हिस्सा शहर सर्किल में आ रहा है। जहां स्टेशन बनाने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। अंडर ग्राउंड मेट्रो भी इसी सर्किल के क्षेत्र के अंतर्गत संचालित होनी है, जिसके लिए सिंधी कॉलोनी से लेकर ऐशबाग तक टनल (सुरंग) बनाई जाएगी, ताकि जमीन में बसे ज्यादा लोग प्रभावित न हों। खास बात ये है कि इन रूटों पर 500 मीटर तक अतिरिक्त एफएआर (फ्लोर एरिया रेशो) के साथ ही अत्याधुनिक मेट्रो स्टेशन बनाए जाने हैं।
हटाई जाएंगी एक हजार झुग्गियां और हाईटेंशन लाइन
मेट्रो ट्रेन के दोनों रूटों के बीच में 132 केवी की हाईटेंशन लाइन आ रही है। इसे हटाने के लिए सर्वे करा लिया गया है। बिजली कंपनी को इसका प्रस्ताव बनाकर सौंप भी दिया गया है। इसके अलावा करोंद चौराहा, मिसरोद, गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में हाईटेंशन लाइन आड़े आ रही है। वहीं बोगदा पुल, सुभाष नगर अंडरब्रिज, हबीबगंज नाका, अलकापुरी बस स्टैंड और एम्स के पास बनी अवैध झुग्गियां इस रूट में बाधक हैं, जिन्हें जल्द ही हटाने की कार्रवाई शुरू की जा सकती है। दूसरा रूट भदभदा डिपो चौराहे से होते हुए गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया जाएगा। इस रूट में भी अवैध झुग्गियां बनी हुई हैं। दोनों रूटों पर कुल 1000 झुग्गियां सामने आ रही हैं। जिन्हें हटाया जाएगा।
यह होगी खासियत
मेट्रो ट्रेन ड्राइवर लेस होगी। रेल ट्रैक के दोनों ओर 500 मीटर तक अतिरिक्त एफएआर (फ्लोर एरिया रेशो) समेत अत्याधुनिक मेट्रो स्टेशन बनेंगे। हाल ही में मास्टर प्लान को संशोधित कर ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) और ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स (टीडीआर) को प्रस्तावित किया गया है।
यहां बनेंगे मेट्रो स्टेशन
करोंद चौराहा, कृषि उपज मंडी, डीआईजी बंगला, सिंधी कॉलोनी, रेलवे स्टेशन, ऐशबाग चौराहा, सुभाष नगर अंडरब्रिज के पास, मैदा मिल, सेंट्रल स्कूल, एमपी नगर, डीबी मॉल, मानसरोवर कॉम्प्लेक्स, हबीबगंज स्टेशन, अलकापुरी, एम्स। भदभदा चौराहा, डिपो चौराहा, जवाहर चौक, रोशनपुरा चौक, मिंटो हॉल, पुल बोगदा, गोविंदपुरा, इंद्रपुरी, पिपलानी और रत्नागिरि चौराहा।
स्टड फार्म के लिए 56 एकड़ जमीन आवंटित
मेट्रो कंपनी जनरल कंसल्टेंट की नियुक्ति के बाद पुल बोगदा में प्रस्तावित दो रूट आकर मिल रहे हैं। इसका जंक्शन सुभाष नगर अंडर ब्रिज पास बनाया जाना है। जिसके चलते स्टड फार्म की 56 एकड़ जमीन आवंटित करने शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है। वहीं, शासन से भी जमीन आवंटन की सैद्धांतिक सहमति प्राप्त हो गई है।
27.87 किमी के दो रूट, पहले रूट में बढ़ा दो किमी का दायरा
मेट्रो के लिए पहले चरण में चयनित दो रूटों पर दो किमी का दायरा बढ़ा दिया गया है। पहला रूट करोंद से एम्स तक पहले 12.8 किमी था, जिसे बढ़ाकर 14.99 किमी कर दिया गया है। इसी तरह भदभदा से रत्नागिरी तक का रूट जो पहले 8.65 किमी का था, उसे बढ़ाकर अब 12.8 किमी कर दिया गया है। बता दें कि चुनिंदा दो रूट के लिए 6980 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं, जबकि पूरे प्रोजेक्ट की लागत 21 हजार करोड़ रुपए बताई जा रही है। हाईटेंशन लाइट हटाने के लिए आने वाला खर्चा भी रूट में जोड़ा गया है।
2008-09 में पहली बार शुरू हुआ था काम
वर्ष 2008-09 में पहली बार भोपाल में मेट्रो ट्रेन की जरूरत पर काम शुरू हुआ। 2010 में मेट्रो मैन ई-श्रीधरन भी आए। फिर डीएमआरसी ने प्री फिजिबिलिटी सर्वे भी किया। आखिर भोपाल ने देश में पहली बार 2013 में लाइट मेट्रो की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने का फैसला लिया था।
तब 2017 तक इसके निर्माण का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब तक सिर्फ डीपीआर के रूप में 20 हजार कागजों का पुलिंदा तैयार हुआ है। आलम यह है कि जापान की एजेंसी जायका और यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक तक कर्ज से इनकार कर चुके हैं। 10 साल बाद कागजों से निकलकर मेट्रो प्रोजेक्ट जमीनी स्तर पर दिखाई दे रहा है। लोन भी अप्रूव हो गया है।
रूट नंबर वन : करोंद से एम्स
करोंद चौराहा, भोपाल टॉकीज, रेलवे स्टेशन, भारत टॉकीज, बोगदा पुल, सुभाष नगर अंडरब्रिज, डीबी मॉल बोर्ड ऑफिस चौराहा, हबीबगंज नाका, अलकापुरी बस स्टैंड और एम्स।
लंबाई : 14.99 किमी
रूट नंबर दो : भदभदा से रत्नागिरी
भदभदा, डिपो चौराहा, जवाहर चौक, रोशनपुरा चौराहा, मिंटो हॉल, लिली टॉकीज, जिंसी डिपो, बोगदा पुल, प्रभात चौराहा, अप्सरा टॉकीज, गोविंदपुरा इंडस्ट्री एरिया से जेके रोड, पिपलानी होते हुए रत्नागिरी।
लंबाई: 12.88 किमी
सिंधी कॉलोनी से ऐशबाग तक अंडरग्राउंड चलेगी मेट्रो
सिंधी कॉलोनी से लेकर ऐशबाग तक मेट्रो जमीन के अंदर से चलाई जाएगी। जो रेलवे स्टेशन होते हुए ऐशबाग क्रांसिंग में आकर निकलेगी। यहां से आकर यह डिपो में क्रांस होगी।
फिलहाल स्टेशनों के लिए जमीनों का सर्वे कराया जा रहा है
मेट्रो के स्टेशनों के लिए जमीन आरक्षित करने के लिए सर्वे कराया जा रहा है। पहले चरण के रूट का प्रस्ताव प्राप्त हो गया है। आगे शासन से जैसे आदेश मिलेंगे, उसी आधार पर काम करते जाएंगे।
-सुदाम पी खाडे, कलेक्टर, भोपाल