भोपाल-भावी पीढ़ी यानी कि आने वाला वंश जो अपने परिवार और पिता के व्यवसाय सहित वंश का वारिश होता है लेकिन ग्वालियर में एक आने वाली पीढ़ी थोड़ी अलग है ।यह पीढ़ी पिता के बाद राजनीतिक विरासत को संभालने वाली नहीं बल्कि अपने - अपने पिता के होते हुए विरासत संभालने वाली पीढ़ी है जो पिता की आँखों के सामने ही राजतिलक कराने की पुरजोर कोशिश में है ।
यह कहानी अकेले ग्वालियर रियासत के सिंधिया खानदान ही नहीं है जहाँ महाराजा ( अब तो रहे नहीं ) के होते हुए युवराज राजनीति की पाठशाला में प्रवेश के लिए 48℃ तापमान में भी अपने पिता की राजनीतिक जमीन की खाक छान रहे हों, की ही नहीं बल्कि उन सभी राजकुमारों की है जिनके पिता अब या पहले राजनीति के राजतिलक से सुशोभित हो चुके हैं । बात करें ग्वालियर रियासत के मुखिया श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे की तो युवराज आर्यमन आजकल गुना शिवपुरी की गलियों में अनुभव के साथ अपने लिए राजनीतिक जमीन तलाश कर रहे हैं । आर्यमन के अलावा केंद्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर के बेटे रामू तोमर,भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री प्रभात झा के बेटे तुषमुल झा,प्रदेश सरकार की कैबिनेट मंत्री श्रीमती माया सिंह के पुत्र पीताम्बर सिंह के अलावा भाजपा के संकट मोचक नरोत्तम मिश्रा के पुत्र भी अपनी अपनी राजनीतिक जमीन तैयार करने के लिए पसीना बहा रहे हैं । अपने अपने माता पिता के पद और प्रतिष्ठा का उन्हें भरपूर फायदा मिल रहा है, यही एक बजह है कि इनमें से कुछ को तो भाजपा युवा मोर्चा की कमान सौंपकर विभिन्न जिलों का प्रभारी बना दिया गया है।
वैसे तो भाजपा और कांग्रेस दोनो ही एक दूसरे पर वंशवाद की राजनीति का आरोप लगाते रहे हैं लेकिन जहाँ एक ओर भाजपा नेता पुत्रों की एक लंबी सूची है तो कांग्रेस भी अछूती नहीं ।
ख़ैर हो कुछ भी राजनीति में ग्वालियर का भविष्य उज्ज्वल रहेगा क्योंकि जिनका आज दबदबा है कल उनके ही वारिश उनके उत्तराधिकारी बनने के लिए कमर कस कर तैयार ।
वंशवाद की राजनीति के लिए तैयार युवा नेता
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Thursday, July 19, 2018
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