शिवपुरी- किसान भाई उड़द, मूंग, मूंगफली एवं सोयाबीन के खरपतवार नियंत्रण एवं भरपूर उत्पादन के लिए फसलों में निदाई, गुड़ाई करें। सोयाबीन व अन्य फसल के खेतों में जलभराव न होने दें।
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उपसंचालक श्री आर.एस.शाक्यवार ने बताया कि सोयाबीन की भरपूर उत्पादन के लिए फसल 15-20 दिन की होने पर बौवनी के तुरंत बाद उपयोगी खरपतवारनाशकों का प्रयोग नहीं किया हो तो ऐसे स्थानों में सोयाबीन की खड़ी फसल में झमाझेथापायर (1.0 ली/है.चौड़ी एवं सकरी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए) का छिड़काव करें। जिन किसानों के खेतों में केवल चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार पाए जाते हो उन्हें सलाह है कि वे क्लोरीम्यूरान इथाइल (36 ग्राम/है.) का छिड़काव करें। ऐसे किसान जिनके खेतों में केवल सकरी पत्ती वाले खरपतवार की संख्या अधिक हो, वे क्विजालोफाप इथाइल (1.0ली./है.) या क्विजालोफॉप-पी-ईथाइल(0.75ली./है.) में से किसीएक का 500 लीटर पानी के साथ फ्लेट जेट या फ्लेट फेन नोझल(कट नोझल) का उपयोग कर समान रूप से खेत में छिड़काव करें।
किसान भाईयों को सलाह दी जाती है कि जहां पर फसल 15-20 दिन की हो, वहां खरपतवार के छिड़काव के समय अनुशंसित कीटनाशक का मिश्रित छिड़काव कर सकते है, जिससे खरपतवार नियंत्रण के साथ-साथ आने वाले 30-40 दिनों तक पत्ती खाने वाले कीट नियंत्रण प्रभावी हो सके। इसके लिए इमाझेथापायर/क्विजालोफाप इथाइल (1ली./हे.), क्लोरन्ट्रानिलिप्रोल(100 मि.ली./हे.)/इन्डोक्साकार्ब 333 मि.ली./हे.), छिड़काव के समय प्रति हेक्टेयर पानी की अनुशंसित मात्रा (500 लीटर) का उपयोग अवश्य करें।