हितेश जैन पोहरी। शिवपुरी जिले से लगभग 35 किलो मीटर दूर है। पोहरी की बनावट देखकर कोई इस बात का अनुमान नहीं लगा सकता कि यहां एक अद्भुत जल मंदिर भी है।
मंदिर के मुख्य द्वार के अंदर प्रवेश करते ही वहां के अद्भुत कलात्मक स्वरूप को देखते ही लोग आश्चर्यचकित हो जाते हैं।
मंदिर के चारों ओर बने दो मंजिले आकर्षक दालानों के बीच पानी का एक कुंड भी है। यह पोहरी कस्बे के अंदर है। यह मंदिर घनी बस्ती से घिरा है।
पोहरी तहसील में फिल्म डाकू हसीना के कई दृश्य भी फिल्माए गए। जलमंदिर में बरसात में नीचे की दोनों मंजिल जलमग्न रहती हैं। जलमंदिर की सबसे खास बात यह है कि कुंड के ऊपर दिखती मंदिर की तीन मंजिलों के नीचे भी एक मंदिर है, जो सदैव पानी में डूबा रहता है।
कोई भी मौसम हो इस जलमंदिर का पानी कभी भी कम नहीं होता है। मंदिर के मुख्य द्वार पर भगवान राधा-कृष्ण भी विराजमान हैं। ओर मंदिर में भगवान शंकर और गणेश की प्रतिमा स्थापित हैं। मंदिर राजपूत और मुगल निर्माण शैली पर आधारित है। यह मंदिर 1811 में बनवाया गया था।
जलमंदिर के कुछ दृश्य