भोपाल-विश्व प्रसिद्ध पर्यटन केंद्र खजुराहो में आचार्य श्री विराजमान है और देश विदेश से आने वालो के उत्सुकता के केंद्र बने हुए हैं आज खजुराहो में मंगल प्रवेश के दरमियान एक ऐसा अचंभित कर देने वाला वाक्या घटित हुआ जो धर्म की प्रभावना को गुणनफल मैं बढ़ाता है
खजुराहो में बड़ी भव्यता के साथ प्रवेश के जलसे में बीचों बीच चलता हुआ संघ किसी कमल के पुष्प पर दिखाई देने वाले सुगंधित मध्य भाग जिसके चारों ओर भौरे मंडराते रहते हैं और फूल की प्रसिद्धि बढ़ाते हैं के समान दिखाई दे रहा था, वही चारों ओर अपने मनोरंजन के लिए आये देश विदेश के कुछ सैलानियों ने आचार्य श्री और उनके संघ को काफी नजदीक से देखा और वे सड़क के किनारे किनारे जलूस के साथ चलते हुए मंदिर जी तक आए और रास्ते भर अपने साथ लाए हुए कैमरों से आचार्य श्री और उनके संघ के चित्र भी लेते रहे।
व्यवस्थापको द्वारा जब उन्हें वहां से हटने के लिए कहा गया तो उन्होंने हिंदी भाषा का उपयोग करते हुए कहा कि मैं भारत के खजुराहो में आया तो था रंगीनियां देखने लेकिन आज मुझे लगता है मैंने साक्षात भगवान को ही देख लिया लेकिन इतने ही मात्र से अभी हमारा मन नहीं भरा है कृपया कर मुझे थोड़ा और देख लेने दे ताकि मैं वापिस जाकर अपने देश के लोगों को बता सकूं कि भारत कहने का ही स्वर्ग नहीं है अपितु सच में ही स्वर्ग है क्योंकि यहां अब भी भगवान निवास करते हैं_
खजुराहो में आया तो था रंगीनियां देखने, लेकिन आज मुझे लगता है मैंने साक्षात भगवान को ही देख लिया विदेशी पर्यटकों ने किया आचार्य श्री के दर्शन
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Monday, July 16, 2018
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