शिवपुरी-नाबालिग मासूम बालिका के पिता को उस समय तक दारू पिलाई गई जब तक कि वह अचेत नहीं हो गया। पिता के अचेत होने के बाद बदमाश ने अपने मनसूबों को अंजाम देते हुए 6 वर्ष की मासूम बालिका का अपहरण कर उसे दीगर जिले में ले जा पहुंचा। दोहरे दोपहर घटित हुए अपहरण के इस मामले की जानकारी अपहृत बालिका के परिजनों को उस समय लगी जब इसकी मां और दादी जंगल से वापस लौटकर आईं तो उन्होंने देखा कि घर में उनकी बेटी नहीं हैं। यह घटना कोलारस थाना क्षेत्र के ग्राम पडोरा में घटित हुई है। आसपास तलाश करने पर भी जब मासूम बालिका का कोई सुराग नहीं लगा तो घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही सक्रिय हुई पुलिस ने पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार हिंगणकर के निर्देशन में अभियान स्तर पर कार्रवाई करते हुए महज 10 घंटों के भीतर न सिर्फ अपहृत बालिका को सुरक्षित उसके घर पहुंचाया बल्कि घटना को अंजाम देने वाले आरोपी को भी गिरफ्तार कर इसे सीखचों के पीछे भेज दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पड़ोरा गांव निवासी घनश्याम आदिवासी बीते रोज प्रात: के समय अपने घर पर था। इसी दौरान घनश्याम के घर प्रदीप आदिवासी पुत्र कोमल आदिवासी निवासी रेंहट जिला ग्वालियर जा पहुंचा। बताया जाता है कि प्रदीप आदिवासी पूर्व से घनश्याम से परचित था। प्रात: लगभग 11 बजे जब घनश्याम की बीबी और उसकी मां घर से बाहर चली गई तो प्रदीप आदिवासी ने घनश्याम के साथ दारू पार्टी मनाना शुरू कर दी। प्रदीप ने घनश्याम को उस समय तक दारू पिलाई जब तक कि वह अपने होश न खो बैठे। प्रदीप आदिवासी ने बड़े ही सुनियोजित ढ़ंग से घनश्याम को दारू के नशे में अचेत करने के बाद उसकी 6 वर्षीय मासूम बेटी जूली (परिवर्तित नाम) का अपहरण कर भाग निकला। प्रदीप आदिवासी के मनसूबों से अंजान मासूम का पिता घनश्याम नशे की हालत में बेसुध घर में पड़ा था। इसी दौरान शाम लगभग 6 बजे जब घनश्याम की बीबी और उसकी मां घर वापस लौटकर आईं तो उन्होंने देखा कि जूली घर पर नहीं है। गांव में आसपास तलाश करने पर भी जब जूली का कोई सुराग नहीं लग सका तो शाम लगभग 7 बजे इस घटना की जानकारी कोलारस थाना पुलिस को दी गई। मासूम बालिका जूूली के घर से गायब होने की सूचना मिलते ही पुलिस सक्रिय हो गई और घटना स्थल पर पहुंचकर मौका मुआयना करने के बाद जूली की तलाश शुरू कर दी। इसी बीच पुलिस कप्तान राजेश कुमार हिंगणकर को मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि जूली का अपहरण प्रदीप आदिवासी ने किया है। मुखबिर से मिली इस सूचना को एसपी श्री हिंगणकर ने गंभीरता से लिया और कोलारस एसडीओपी सुजीत भदौरिया एवं थाना प्रभारी सतीश सिंह चौहान को व्यापक दिशा निर्देश दिए। एसपी के निर्देशन और एसडीओपी के मार्गदर्शन में सतीश सिंह चौहान ने अपनी टीम के साथ ग्वालियर जिले में पहुंचकर प्रात: लगभग 5 बजे अपहृत बालिका को रेंहट गांव की आदिवासी बस्ती में से बरामद करते हुए आरोपी प्रदीप उर्फ विजय आदिवासी को भी गिरफ्तार कर लिया।
*रातभर चला सर्चिंग ऑपरेशन,अलसुबह मिली सफलता*
कई जिलों में मासूल बालिकाओं के साथ हुए घटनाक्रमों के बाद प्रदेशभर में माहौल गर्माया हुआ है। जिसके चलते एसपी श्री हिंगणकर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बिना समय गवाएं कोलारस थाना प्रभारी सतीश सिंह चौहान के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया। जिसमें एएसआई रंगलाल, प्रधान आरक्षक संतोश भदौरिया, आरक्षक नरेश दुबे, दिलीप राजावत शामिल थे। सूत्र बताते है कि यह पुलिस टीम जूली की तलाश में सीधे ग्वालियर के महाराजपुरा एवं घेंगूली गांव जा पहुंची। जहां कुछ लोगों से पूछताछ करने के बाद, टीम सीधे रेंहट गांव पहुंची। रात्रि के समय ही पुलिस ने इस गांव के लगभग आधा सैकड़ा घरों की तलाशी और प्रात: लगभग 5 बजे पुलिस ने इस गांव की आदिवासी बस्ती में बनी एक झोंपड़ी से जूली को बरामद करते हुए आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान पुलिस कप्तान श्री हिंगण्कर टीआई सतीश सिंह चौहान से पल-पल की जानकारी लेते रहे।
*और आंखों में झलके खुशी के आंसू*
6 वर्षीय बालिका जूली के अपहरण के बाद उसकी मां एवं दादी का रो-रो कर बुरा हाल था। पुलिस को रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद ये दोनों सास-बहू पडोरा सड़क किनारे स्थित जाट होटल पर बैठकर अपनी बेटी के आने का इंतजार कर रहीं थी। सुबह के समय जब टीआई सतीश सिंह चौहान और उनकी टीम जूली को बरामद करने के बाद इसके परिजनों को सौंपनेे के लिए पड़ोरा होटल पर पहुंची तो जूली की मां और दादी बेटी को वापिस आया देख अपने आंसुओं को नहीं रोक पाईं। हाथ से निकली जूली जब मां और दादी के आंचल से आकर लिपटी तो इन तीनों की आंखों से खुशी के आंसू झलक आए।
इनका कहना है
बीते रोज शाम के समय 6 वर्षीय बालिका के अपहरण का मामला सामने आया था। इस मामले में हमारी पहली प्राथमिकता बालिका को सकुशल उसके घर पहुंचाने की थी। रातभर बालिका को बरामद करने के लिए सर्चिंग ऑपरेशन चलाया गया और आज प्रात: के समय उसे ग्वालियर के रेंहट से बरामद कर परिजनों के हवाले किया गया है। इस मामले को ट्रेस करने में कोलारस एसडीओपी एवं थाना प्रभारी की सराहनीय भूमिका रही है। जिन्हें पुरूस्कृत किया जाएगा।
राजेश कुमार हिंगणकर पुलिस अधीक्षक शिवपुरी