ग्वालियर में भी भयानक कुपोषण, एक हफ्ते में मिले 20 कुपोषित बच्चे

ग्वालियर जिले में इन दिनों ग्रामीण के साथ ही शहरी क्षेत्रों में भी कुपोषण का कहर बढ़ता जा रहा है. इस सप्ताह ग्वालियर शहर में बीस से ज्यादा कुपोषित बच्चे मिले हैं. भीतरवार के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में तो कुपोषण तेजी से फैल रहा है, विधानसभा में मसला उठने के बाद भी हालात सुधरने की बजाए बिगड़ते जा रहे हैं.

ग्वालियर शहर में मई-जून महीने में कुपोषण से 3 बच्चों की मौत हो गई, तब सरकार और प्रशासन ने कुपोषण से सख्ती से निबटने के दावे किए थे, लेकिन हालातों में खास बदलाव नही आया है. आदिवासी बाहुल्य, ग्रामीण अंचल के बाद ग्वालियर शहर में भी कुपोषण का दंश बढ़ रहा है. जुलाई महीने ग्वालियर शहर में कुपोषण के बीस मामले सामने आए हैं. इस समय ग्वालियर शहर के थाटीपुर स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र में बीस कुपोषित बच्चे भर्ती हैं.

कुपोषित बच्चों की देखभाल में लगे लोग भी मानते है कि ग्रामीण के साथ ही शहरी अंचल में भी कुपोषण का असर बढ़ गया है. ग्वालियर जिले में 1458 आंगनबाड़ी है, जिनमें 1 लाख 38 हजार 612 बच्चे हैं, इन बच्चों को पोषण अहार दिया जाता है, लेकिन आदिवासी, ग्रामीण अंचल के बाद शहर में भी बच्चे कुपोषण की चपेट में आ रहे हैं.

बढ़ते कुपोषण को लेकर कांग्रेस विधायक लाखन सिंह का कहना है कि सरकार की मॉनिटरिंग की कमी के चलते कुपोषण बढ़ रहा है. लाखन सिंह के विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में बच्चों में कुपोषण का प्रकोप चल रहा है, लाखन के मुताबिक उन्होने विधानसभा में भी कुपोषण के मुद्दे को उठाया था, लेकिन शासन और प्रशासन ने इस पर गंभीरता नही दिखाई.

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.