प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, हां, मैं मदारी हूं, जो ऐसा डमरू लेकर घूमता है मेरे डमरू बजने से गरीबों के बिजली के बिल माफ हो जाते हैं, गरीबों के मकान बन जाते हैं, बच्चों की फीस भर जाती है। बहन जब किसी बेटा-बेटी को जन्म देती है तो प्रसूति सहायता देता हूं और लड्डू खाने के 12 हजार रुपए भी भिजवाता हूं। शिवराज ने यह बात सीहोर जिले के बुदनी में राज्य स्तरीय रोजगार, स्वरोजगार सम्मेलन में कही।
इससे पहले कमलनाथ ने भोपाल में सीएम का नाम लिए बिना कहा था कि मदारी की तरह घोषणाएं हो रही हैं। इनके लिए न तो बजट है और न ही आधार। यह तो जनता को गुमराह करने की कलाकारी है।