चुनाव आ गए...........

राजनीतिक हलचल-प्रणाम काका  ! कैसे हो ?
राम राम भैया ,को है ???
"मोय आजकल काहे कि दिखाई नहीं देत है, जासे पहचानिवे में थोरी तकलीफ़ होत है", रामसिंह काका ने कहा ।
अरे काका मैं हूँ महेंद्र प्रताप सिंह ।
काका जे विधायक साहब है अपने, अपन से मिलवै के लाने आये हैं, बगल में खड़े एक युवा गज्जू ने कहा ।

का नेताजी चुनाव आ गए का,इतेक सालन में हमने तुम्हारे दर्शन नहीं पाए, आज कैसे पाँव पड़ गए जा गाँव में ।
अरे काका ऐसी कोई बात नहीं है, बस आप लोगों के बीच आप लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए आया हूँ । सरकार नई नई योजनाओं के माध्यम से किसान के लिए जनकल्याणकारी कार्य कर रही है । एक यही तो पार्टी है जो गरीब, मज़दूर और किसान का हित सोचती है ।

रामपुर एक छोटा सा गाँव है । दोपहर का समय होने का था लोग खाना खा पीकर चौपाल पर बैठकर बातें कर रहे थे । कुछ चौपर खेल रहे थे तो कुछ राजनीतिक मुद्दों पर बहस छेड़ रहे थे । छोटे छोटे बच्चे साईकल के पुराने टायर घुमा रहे थे तो कुछ गुल्ली डंडा में मशगूल थे । आज सुबह ही तेज बारिश हुई तो लोग खेतों में काम करने नहीं गए । महिलाएं घर के कामों में व्यस्त थीं ।
इसी बीच तीन चार कार हॉर्न बजाती हुई गाँव मे चौपाल के पास आकर रुकती है और उनमें से दूधिया सफ़ेद कुर्ते पाजामे पहने एक व्यक्ति के पीछे दर्जन भर लोग भी निकलते हैं जिनमें से कुछ के पास बन्दूकें थी तो किसी के हाथ कैमरा तो किसी के हाथ कुछ कागज़ी फ़ाइल ।

नेताजी हाथ जोड़े आगे बढ़ते हैं जो बुजुर्ग सामने आता है पैर पड़ लिए और युवाओं को गले लगाने में कोई गुरेज नहीं कर रहे थे । उनकी इस आत्मीयता से ज़ाहिर तो ये हो रहा था कि उनको क्षेत्र और अपने मतदाता की बहुत चिंता है और आज वो उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए ही आये हैं । लोग अपना अपना काम छोड़कर नेताजी के सामने हाथ जोड़े आवभगत में लगे थे ,नेताजी के लिए एक खाट बिछाई गई तो गाँव के लोग उनके सामने जमीन पर ही बैठ गए और आशा भरी निगाहों से अपने नेता के मुंह की ओर ताक रहे थे ।
नेताजी- कहो कैसे हो सब लोग, गाँव मे कौन कौन सी मुख्य समस्या हैं बताओ ।
   कछू नहीं साहब अब का बताएं तुम तो आत ही नहीं हो, न तो पीने के पानी की व्यवस्था है और सड़क तो तुम देखि कैं आये होंगे, पास बैठे एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति ने कहा ।
अब एक समस्या हो तो बताएँ, न तो पेंशन मिल रही, न खाद्यान्न और न ही बिजली की व्यवस्था है , पूरा गाँव अंधेरे में डूबा है । बस नेता आत हैं और वोट लेके हमन कों बेवकूफ बना जात हैं , एक व्यक्ति जो नेताजी के बगल से खड़ा होकर तम्बाकू घिस रहा था, ने कहा ।

अरे भाईयों सरकार और खुद मुख्यमंत्री जी ने आप लोगों की चिंता करते हुए कई योजनाएं बनाईं हैं, आप उनका लाभ लीजिए । और बिजली, पानी और सड़क के लिए मैं प्रयासरत हूँ ,शीघ्र ही इस समस्या का निराकरण हो जाएगा । आप लोगों ने मुझ पर जो विश्वास जताया था मैं कोशिश कर रहा हूँ कि आपके साथ जो वादे मैंने किये थे उनको पूरा कर सकूँ ।
        आने वाले विधानसभा चुनाव में आपको एक बार फिर हमारी सरकार बनानी  है और विकास के रथ को अविरत आगे बढ़ाना है । हम और हमारी सरकार चाहती है कि विकास हो । गरीब ,किसान खुशहाल रहे ।
महेंद्र भैया ज़िंदाबाद ज़िंदाबाद
महेन्द्र भैया संघर्ष करो- हम तुम्हारे साथ हैं
   उनके साथ आये हुए चाटुकारों ने नारे लगाए ।
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