अभिषेक जैन-धर्म करने से वर्तमान अच्छा होता है और भविष्य भी सुधरता है। संसार के सभी सुख धर्माचरण से ही मिल सकते हैं। आचरण करना राह है, पुरुषार्थ करना उसका फल या चाह है। यह बात श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन नन्हे मंदिर धर्मशाला में आचार्य श्री उदार सागर महाराज ने अभिव्यक्त किए।
आचार्य श्री उदार सागर के 32 वे चातुर्मास मंगल कलश स्थापना के तीसरे दिन गुरुवार को आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री ने कहा कि धर्माचरण की शुरुआत जिन दर्शन से होती है, जिन दर्शन के बिना धर्म संभव नहीं है। धर्म की यही विशेषताएं कि वह संसार के प्राणियों को दुख से निकालकर उत्तम सुख में पहुंचाता है। संसार के जो भी सुख है वह धर्माचरण से ही मिलते हैं। हमारे जीवन में अधर्म का अंधकार फैला हुआ है इसलिए धर्म के प्रकाश की आवश्यकता है। जिस दिन अधर्म का अंधकार दूर हो जाएगा उस दिन धर्म की आवश्यकता नहीं होगी।
आचार्य श्री ने कहा कि एक व्यक्ति एक संत के पास इस सवाल के साथ पहुंचा कि धर्म की क्या आवश्यकता है और धर्म कब तक करना चाहिए? संत ने उसकी बात का जवाब नहीं दिया। बाद में जब रात हो गई और दीपक जलने लगा तब संत ने देखा कि वह व्यक्ति गया नहीं है। उन्होंने उससे वहीं पर सो जाने का इशारा किया। परंतु उस व्यक्ति को नींद नहीं आई और उसने पूछा यह दीपक क्यों जल रहा है? संत ने जवाब दिया अंधेरा है इसलिए। बाद में जब देर रात तक उस व्यक्ति को नींद नहीं आई तो उसने फिर से पूछा यह कब तक जलेगा? संत ने कहा जब तक अंधकार है। इसके बाद जैसे तैसे उस व्यक्ति की रात कटी, सुबह हुई और उसने पुनः संत से प्रश्न किया कि जीवन मे धर्म की क्या आवश्यकता है, और धर्म कब तक करना चाहिए।
संत ने कहा तुम्हारे प्रश्नों का उत्तर तो तुम्हें रात में ही मिल गया था। जब तुमने पूछा था दीपक क्यों जल रहा है और मैंने कहा था कि अंधेरा है इसलिए। अर्थात अधर्म रूपी अंधकार को जीवन से हटाने के लिए धर्म के प्रकाश की वैसे ही जरूरत पड़ती है जैसे रात में अंधकार दूर करने दीपक की।
उन्होंने कहा रात में तुमने दूसरा सवाल किया था यह कब तक जलेगा और मैंने कहा था जब तक अंधकार है। अर्थात हमारे जीवन में जब तक अधर्म का अंधकार फैला है तब तक धर्म के प्रकाश की आवश्यकता है। जिस दिन अधर्म का अंधकार दूर हो जाएगा उस दिन धर्म की आवश्यकता नहीं होगी।
सुबह से शाम तक चल रहे विविध आयोजन
जैन धर्मशाला में प्रतिदिन सुबह 8.30 बजे से आचार्य श्री उदार सागर महाराज के ससंघ सानिध्य में धर्म सभा का आयोजन चल रहा है। सुबह 10.30 बजे आचार्य श्री आहार चर्या होती है। दोपहर में 3.30 बजे से छहढाला की क्लास प्रारंभ हो गई है। शाम 6.30 बजे से शंका समाधान प्रश्न मंच, आचार्य भक्ति और आरती का आयोजन किया जा रहा है। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष गिरीश नायक ने सभी बंधुओं से निश्चित समय पर मंदिर पहुंचकर धर्म लाभ अर्जित करने की अपील की है।
32वें चातुर्मास मंगल कलश स्थापना के मौके पर लोगों को प्रवचन देते ससंघ आचार्यश्री उदारसागर महाराज।
अधर्म के अंधकार को मिटाने के लिए धर्म के प्रकाश की जरूरत :मुनि श्री उदार सागर
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Friday, August 03, 2018
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