मध्यप्रदेश में शिवपुरी नगर पालिका परिषद के सोमवार को बुलाए गए विशेष सम्मेलन में सिंध जल आवर्धन योजना का काम कर रही दोशियान कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास कर दिया गया. इतना ही नहीं, इस परिषद ने यह प्रस्ताव भी पास किया कि इस योजना में जिन अधिकारी-कर्मचारी और जनप्रतिनिधियों ने 2009 से लेकर अब तक लापरवाही एवं भ्रष्टाचार किया है, उन सब पर एफआईआर दर्ज कराई जाए।
इस प्रस्ताव के पास होने से वर्तमान नगर पालिका के अधिकारी-कर्मचारी और जनप्रतिनिधि भी कटघरे में आ गए हैं, क्योंकि दोशियान कंपनी का अधिकांश कार्य इसी परिषद के कार्यकाल में हुआ है और अधिकांश भुगतान भी इसी के कार्यकाल में किया गया है. इस तरह यह एक अनोखा मामला है. सोमवार को बुलाए गए विशेष सम्मेलन में नगर पालिका अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह, उपाध्यक्ष अनिल शर्मा सहित सभी दलों के पार्षद एवं अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।
उपाध्यक्ष अनिल शर्मा ने प्रस्ताव पेश किया कि दोशियान कंपनी को सिंध का पानी लाने का काम वर्ष 2009 में दिया गया था. इस कार्य को 2011 में पूरा करना था, लेकिन वह कार्य को अब तक भी पूरा नहीं कर पाई. इस वजह से इस कंपनी को न सिर्फ ब्लैक लिस्टेड किया जाए, बल्कि इस कार्य में लापरवाही एवं भ्रष्टाचार करने वाले 2009 से अब तक के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों एवं जनप्रतिनिधियों पर एफआईआर कराई जाए. उपाध्यक्ष के इस प्रस्ताव पर सभी ने अपनी सहमति दी, जिससे यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास कर ईएनसी के लिए भेजा जा रहा है।
इस प्रस्ताव की अनोखी बात यह थी कि इस प्रस्ताव से वर्तमान नगर पालिका के न सिर्फ अधिकारी-कर्मचारी बल्कि कई जनप्रतिनिधि भी कटघरे में आ गए हैं, क्योंकि दोशियान कंपनी का अधिकांश कार्य इसी परिषद के कार्यकाल में हुआ है और अधिकांश भुगतान भी इसी के कार्यकाल में किया गया है. इस भुगतान में ऐसे भुगतान भी शामिल हैं, जो कार्यरत एजेंसी के कहने पर अन्य एजेंसियों अथवा अन्य लोगों को किए गए हैं।