वर्तमान में तन-मन का शुद्ध होना जरूरी, यही असली परीक्षा: विशुद्धमति माताजी

अभिषेक जैन कोटा-तलवंडी जैन मंदिर के मां विशुद्ध सभागार में 15 दिनों से चल रहे सर्व सौख्य प्रदायक गणधर वलय सेमिनार के समापन के लिए तीन दिवसीय समापन समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान गणिनी  आर्यिका विशुद्धमति माताजी  ने भक्तों को आशीर्वचन दिए।
कार्यक्रम के दौरान दिल्ली से आए पं. टीकम चंद शास्त्री व खेराड के संगीतकार सत्येंद्र जैन ने अपनी प्रस्तुतियां दीं। माताजी  ने अपनी देशना में कहा कि सेमिनार में पढ़ाए गए विषय पर आधारित यह विधान अत्यंत फलदाई व रिद्धि प्रदायक है। वर्तमान में तन-मन के विशुद्धि की जरूरत है। यही हमारी असली परीक्षा है। इस घड़ी में आस्था को डिगने नहीं देना चाहिए। सेमिनार के मुख्य संयोजक राजमल पाटोदी ने बताया । । सेमिनार के सम्मान और समापन समारोह का आयोजन स्वतंत्रता दिवस पर 15 अगस्त को प्रातः 8.30 बजे किया जाएगा।
    गुरु माँ  है जग से न्यारी
  गुरु माँ के चरणों मे है चारो धाम
  गुरु माँ की स्वर्णिम दीक्षा जयंती वर्ष महान
जन जन कर रहा गौरव मंगल गान
       

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