बैराड । देश के प्रधानमंत्री का सपना है कि डिजिटल इंडिया बने ।इस लिया आधार को बैंक खाते में ऐड किया गया। जिसे व्यक्ति हर बैठे भी पैसे निकल सकता है ,एव बैंको के काम के दबाव को कम करने सहित ग्रामीणों की सुविधा के लिए कियोस्क सेंटर की स्थापना की गई परंतु यह सेंटर ग्रामीणों से धोखाधड़ी करने का बड़ा केंद्र बन गए हैं पोहरी क्षेत्र में संचालित दर्जनों सेंटरों पर यदि नजर डाली जाए तो ज्यादातर सेंटर कमाई का जरिया बन गए है।अशिक्षित जनता को अंगूठा लगाकर पैसे निकलने के बहुत से मामले सामने आए ,पर कार्रवाई की जगह अधिकारियो ने अपनी जेब भर ली।
ऐसा ही एक मामला बैराड मे देखने को मिला है । आरोप है कि कियोस्क संचालक से खाते का बैलेंस चेक कराने आए एक ग्रामीण के खाते से कियोस्क संचालक द्वारा 2 हजार रूपय निकाल लिए गए। जानकारी के अनुसार विजय पुत्र बाईसराम धाकड़ निवासी बैराड अपनी यूको बैंक का बैलेंस चेक करने के लिए 16 जुलाई को उसके सेंटर पर नितिन गुप्ता के पास गया। क्योंकि उसके खाते में गैस सिलेंडर की सब्सिडी आनी थी । नितिन ने उसका अंगूठा लगाकर उसके खाते का बैलेंस चेक किया और खाते से 2000 रूपय निकाल लिए । विजय ने 2 अगस्त को इस कथित फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर मामले की शिकायत न सिर्फ पुलिस को बल्कि 181 पर भी दर्ज कराई। इतना ही नही शिकायत कर्ता विजय का कहना है कि कुछ दिनो तक तो पुलिस ने भी उसे गुमराह किया। और कहा कि तुम्हारे आवेदन गुम हो गया है। बिजय की कोई सुनबाई बैराड थाने मे नही हुई। कियोस्क संचालक पर लगाए गए आरोपों के संबंध में उनका पक्ष जानने के लिए उन्हें उनके मोबाइल नंबर पर कई फोन लगाए गए परंतु नहीं उठाए गए।
महिला की विधवा पेंशन निकालने का आरोप- महिला रामवती पत्नी स्व. लक्खू रावत ने भी उसके विधवा पेंशन खाते से रुपए निकालने का आरोप कियोस्क सेंटर संचालक पर लगाया है महिला ने पुलिस को दी शिकायत में उल्लेख किया है कि कियोस्क संचालक उससे अंगूठा लगाकर उसकी पेंशन निकाल लेता है और उसे यह कह कर भगा देता है कि पेंशन आई ही नहीं है
इनका क्या कहना है...
शिकायत दर्ज कराई गई है इस मामले की जांच की जा रही है जांच में जो भी तथ्य सामने आएगा उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी
आलोक सिंह भदौरिया, बैराड़ थाना प्रभारी
मामले की शिकायत पुलिस और 181 पर दर्ज करा दी है कियोस्क संचालक अब मुझ पर राजीनामा करने के लिए दबाव बना रहा है पुलिस ने मुझे गुमराह किया और
विजय धाकड,पीडित