योगेन्द्र जैन, पोहरी-पोहरी नगर में ही शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते प्राइवेट विद्यालय अपनी मनमानी पर उतार आये है। पोहरी,भटनावर,छर्च,बैराड़ में 2 दर्जनों से अधिक विद्यालयों पर मान्यता 8 वीं तक की होने के बाद भी शिक्षा विभाग के समाने ही 10 वी व 12 वी के छात्रों का प्रवेश विद्यालयों में लिया जा रहा है । बड़े बड़े विज्ञापनों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के अशिक्षित जनता को प्राइवेट विद्यालय संचालक गुमराह कर 10 वी व 12 वी में प्रवेश दिए जा रहे है इस बात की जानकारी होने के बाद भी शिक्षाविभाग मौन धारण किये हुए है सूत्र की माने तो पोहरी में शिक्षा विभाग के अधिकारियो को सुविधा शुल्क लेकर अपना मुंह बंद कर लिया है। शिक्षाविभाग की इस बजे से क्षेत्र में बच्चो के भविष्य के साथ प्राइवेट संचालक खिलवाड़ करते नजर आ रहे है ।जबकि मीडिया द्वारा समाचार प्रकाशित करने के बाद भी करवाई न होना ।इस बात की ओर इशारा करता है कि जिले के अधिकारियों को भी एक मोटी रकम प्राइवेट विद्यालय संचालको द्वारा दी गई होगी ।
कलेक्टर मैडम ने भी नही दिया ध्यान-पोहरी क्षेत्र में प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमानी चरम सीमा पर है इस लिया पोहरी व बैराड़ के प्राइवेट संचालको ने शिक्षा विभाग व कलेक्टर मैडम को खुली किसी चुनोती देकर बिना भय के मान्यता 8 वी की होने के बाद भी 10 वी व 12 वी की कक्षाओं के संचालन कर रहे है। अब देखना होगा कि इन दवंग प्राइवेट संचालको पर कलेक्टर मैडम कार्रवाई कर पायेगी या इसी तरह से पोहरी क्षेत्र में बच्चो के भविष्य के साथ स्कूल संचालक खिलबाड़ करते रहेंगे ।
पोहरी में डीपीसी क्यों नहीं करते कार्रवाई ?
जिले के प्राइवेट व शासकीय विद्यालयों में लगातार डीपीसी शिरोमणि दुबे द्वारा कार्रवाई की जा रही है पोहरी क्षेत्र में महीने से बंद पड़े शासकीय विद्यालयों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस बात की जानकारी लगातार समाचार पत्रों में प्रकाशित हो रही है कि शासकीय विद्यालय महीने से बंद पडे हुए है । और भगवान भरोसे संचालित हो रहे है। फिर भी जिले में बैठे शिक्षा विभाग के अधिकारी करवाई नही करते है।
अधिकारियों का जानकर भी अनजान बनना चर्चा का विषय
पोहरी नगर में ही आधा दर्जन विद्यालय पर 8 वी के मान्यता होने के बाद भी खुलेआम 10 वी 12 वी तक कि कक्षा संचालित कर रहे है इस बात की जानकारी पोहरी विकासखंड शिक्षाधिकारी,बी.आर.सी.सी, जिला शिक्षाधिकारी, जिला समन्वयक अधिकारी को होने के बाद इन विद्यालयों पर करवाई न करना, क्षेत्र में चर्चा का विषय है लोगो की माने तो प्राइवेट विद्यालय संचालक एक मोटी रकम जिले व ब्लॉक के शिक्षाधिकारियों को देते होंगे तभी तो खुलेआम बैनर, पोस्ट, व बड़ी बड़ी होडिंग से मान्यता न होने के बाद भी प्रचार प्रसार किया जा रहा है अब देखना होगा कि जिले में बैठे जिला समन्यव अधिकारी करवाई कर पाएंगे । क्या प्राइवेट संचालको द्वारा उन्हें भी खुश कर दिया गया है?