अंचल के चार कद्दावर मंत्रियों के कटेगें टिकट,राष्ट्रीय नेतृत्व पर पहुंची सर्वे रिपोर्ट यशोधरा,नरोत्तम और नारायण सिंह सुरक्षित,कई वर्तमान विधायक भी होगें वेटिकट

राजेन्द्र जैन रिंकू शिवपुरी-वर्ष के अंत में प्रदेशभर में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर दोनों ही प्रमुख दल भारतीय जनता पार्टी और कॉग्रेस सक्रिय हो गये है। भाजपा द्वारा जहां विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में कई बार सर्वे करा लिया गया है तो कॉग्रेस भी प्रत्याशी चयन से पहले प्रदेशभर के विधानसभा क्षेत्रों के सर्वे रिपोर्ट जुटाने में लगी हुई है। बात अगर ग्वालियर चम्बल संभाग की 34 विधानसभा सीटों की करें तो यहां कई भाजपाई दिग्गजों के इस विधानसभा चुनाव में टिकट कटना तय माना जा रहा है। पिछले समय और हाल ही में भारतीय जनता पार्टी द्वारा जो सर्वे कराया गया है उसके अनुसार कई मंत्रियों सहित वर्तमान विधायकों के रिपोर्ट कार्ड खराब आये है। जिसके चलते इनके टिकट कटना तय माना जा रहा है। सूत्र बताते है कि यह सर्वे रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व के अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पास भी पहुंच चुकी है और अंचल के कई कद्दावर मंत्रियों के साथ-साथ वर्तमान विधायकों के टिकट काटे जाने के साफ-साफ संकेत भी दे दिए गये है। इस सर्वे रिपोर्ट के आधार पर अंचल के सिर्फ तीन मंत्री ऐसे जिनके रिपोर्ट कार्ड संतोषजनक होने के साथ-साथ इनकी लोकप्रियता में भी कमी नहीं आई है और इन तीनों के विधानसभा टिकट फायनल कर दिए गये है। सर्वे में जिन मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड आया है उनमें सबसे पहला नाम खेल एवं युवक कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया का है तो दूसरा नाम जल संसाधन मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का सामने आया है। वहीं तीसरा नाम नारायाण सिंह कुशवाह का बताया जा रहा है।
*हर सर्वे में फैल निकले यह मंत्री*
भारतीय जनता पार्टी द्वारा चुनाव से पूर्व पांच सर्वे कराये गये है। जनकी रिपोर्ट के आधार पर अगर टिकट वितरण निर्णय हुआ था इस बार भाजपा में लगभग 80 फीसदी सीटों पर नये चेहरे मैदान दिखाई देगें। विश्वसनीय सूत्रों की माने तो अंचल से जिन कद्दावर भाजपाईयों के टिकट कट सकते है उनमें उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह,नगरीय प्रशासन मंत्री माया सिंह,आदिम जाति कल्याण मंत्री लाल सिंह आर्य,स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह का का नाम शामिल बताया जा रहा है। इन मंत्रियो की परफॉर्मेंस रिपोर्ट संघ, बीजेपी,औऱ निजी एजेंसियों के सर्वे में खराब बताई गई है,सूत्र बताते है कि ये सभी रिपोर्ट्स भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी अपने पास तलब कर ली है। बताया जाता है कि  खुद अमित शाह ने भी अपना एक अलग सर्वे कराया है। जिसमें इन मंत्रियो की रिपोर्ट सर्वे के हर पैरा मीटर पर खराब पाई गई है और इनका टिकट कटना भी तय माना जा रहा है।

किसी का क्षेत्र में विरोध तो किसी की सपाक्स ने उड़ाई नींद-भाजपा के सर्वे के अनुसार जो रिपोर्ट सामने आ रही है उसके अनुसार सबसे खराब परफॉर्मेंस जयभान सिंह पवैया और रुस्तम सिंह की पाई गई है। माना जा रहा है कि कोई बड़ा राजनीतिक चमत्कार ही इन मंत्रियो को बीजेपी का टिकट दिला दे तो बात अलग है। अन्यथा पार्टी आलाकमान इन्हें बेटिकट करने का निर्णय ले चुके है। जयभान सिंह का केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर से छतीस का आंकड़ा बताया जाता है जबकि वे अपना पिछला चुनाव केंद्रीय मंत्री की कृपा से जीत पाए थे। मुरैना में रुस्तम सिंह का टिकट बढ़ती उम्र और जातिवाद के चलते भी कटने के कगार पर है। माया सिंह स्थानीय पार्षद सतीश सिकरवार की चुनावी चुनौती से घबराई हुई दिखाई दे रही है। बात अगर लाल सिंह आर्य की करें तो वे सपाक्स के निशाने पर होने के साथ-साथ उनका तोमर,जाट,कुशवाह जाति में जमकर विरोध बताया जा रहा है।

मंत्रियों के अलावा इन विधायकों के भी कटेगें टिकट-आगामी विधानसभा चुनावों में कद्दावर मंत्रियों के अलावा सेंवढ़ा से प्रदीप अग्रवाल,भांडेर से घनश्याम पिरोनिया,श्योपुर से दुर्गालाल विजय,सुमावली से नीतू सिकरवार,अशोकनगर से गोपीलाल जाटव,भिंड से नरेंद्र कुशवाहा, मेहगांव से मुकेश चौधरी,चांचौड़ा से ममता मीणा,गुना से पन्ना लाल शाक्य के टिकट भी बदले जाने की पुख्ता खबरे सामने आ रही है। पार्टी ने चौथी बार सरकार बनाने के लिये किसी भी कीमत पर विधायको की एंटी इनकम्बेंसी को झेलने से मना कर दिया है। जिन विधायकों की रिपोर्ट क्षेत्र में खराब थीं उन्हें सीएम ने 6 महीने पहले हिदायत दी थी। लेकिन अब तक इन विधायकों की जमीनी रिपोर्ट में कोई सुधार नही हुआ है इसलिये पार्टी ने इन सभी को बेटिकट करने का निर्णय ले लिया है।इनके स्थान पर अब नए चेहरे आजमाए जायेगे।

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