पोहरी। कृष्णगंज पोहरी निवासी दिनेश गोस्वामी को पहले से दो बेटियों के बाद बेटे की इच्छा थी। 9 सितंबर को उनकी पत्नी ने तीसरी बेटी को जन्म दिया। माता-पिता अपनी तीसरी बेटी के लालन-पालन के लिए तैयार नहीं हुए। इस बात की जानकारी प्रधान आरक्षक देवेन्द सवालखिया और उनकी शिक्षक पत्नी निशा लक्ष्मी को लगी। दोनों अस्पताल पहुंचे और बेटी को गोद देने का आग्रह किया। दिनेश व खुशी सहित पूरा परिवार अपनी तीसरी बच्ची को गोद देने के लिए तैयार हो गया। अस्पताल से डिस्चार्ज के दिन ही देवेन्द्र व निशा लक्ष्मी बच्ची को घर ले आए। दोनों ने मिलकर बच्ची का नाम सुगंधा रखा है। हालांकि बच्ची को विधिवत गोद के लिए कानूनी प्रक्रिया आज सोमवार को पूरी होगी। इसकी सारी तैयारी हो चुकी है। यहां बता दें कि पोहरी थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक देवेन्द सवालखिया और उनकी शिक्षक पत्नी निशा लक्ष्मी के लिए इस साल संतान सप्तमी कभी न भूलने वाली साबित रही। निसंतान दंपती के घर में इस दिन लाडली लक्ष्मी आई है। उन्होंने इसका नाम सुगंधा रखा है।
प्रधान आरक्षक देवेन्द्र ने बताया कि उन्होंने बच्ची के भविष्य को लेकर अभी से प्लानिंग कर ली है। उनका कहना है कि वे बेटी को कक्षा 8वीं तक शिवपुरी में ही पढ़ाएंगे। लेकिन इसके बाद बच्ची को पढऩे दिल्ली भेज देंगे। यहां आईएएस की तैयारी कराएंगे। जिससे तैयारी कर सुगंध का आईएएस बनने का रास्ता आसान हो सके। यदि आईएएस नहीं बन पाई तो बड़ी नेता बनाएंगे।
परिवार में सुगंधा रहेगी इकलौती बेटी
हवलदार देवेन्द्र सवालखिया मूल रूप से बालाघाट के रहने वाले हैं। पोहरी थाने में पदस्थी है और पत्नी निशालक्ष्मी कन्याशाला स्कूल में शिक्षक हैं। दोनों ने पांच साल पूर्व ही शादी की है। प्रधान आरक्षक देवेन्द्र की उम्र 50 साल हो चुकी है। दोनों को अभी एक भी संतान नहीं थी। वहीं देवेन्द्र के तीन भाई हैं जिनमें एक भाई के दो व दो भाईयों के एक-एक बेटा है। परिवार में एक भी बेटी नहीं थी। लेकिन सुगंधा के रूप में पहली बेटी परिवार में शामिल हुई है।