योगेन्द्र जैन पोहरी-मध्य प्रदेश में 2018 के चुनाव का आगाज के साथ ही टिकिट धरियो की भी संख्या बढ़ा चुकी है हाल ही में निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा के साथ ही मध्य प्रदेश में आचार सहिंता लागू हो चुकी है।
टिकिट के लिया अभी से दोनों पार्टी के उम्मीदबार ने अपने दावेदारी ठोकना शुरू कर दी है । क्षेत्र की बाजे अपने अपने आकाओं के पास टिकिट धरियो का जामबड़ा लगाना शुरू हो गया है पोहरी क्षेत्र का चुनाव में अभी तक जातिगत समीकरण पर हार जीत होती रही है बात करे पोहरी क्षेत्र की तो कांग्रेस इस क्षेत्र से लगातार चार या पांच बार से बुरी तरह से पराजित होती आ रही है इस लिया पोहरी की सीट भाजपा से निकलना सांसद सिंधिया के लिए भी सबसे बड़ी चुनोती होगी,क्षेत्र में लगातर मिल रही हार के कारण कांग्रेस कार्यकर्तोयो का मनोबल टूट सा गया है टूटे मनोबल से सिंधिया के प्रदेश की विधानसभा की राजनीति में आने के ऐलान के बाद कार्यकर्तो में एक नया जोश आ है क्षेत्र में यदि कार्यकर्तो की माने तो कांग्रेस की सरकार में सीएम के रुप मे सांसद सिंधिया कार्यकर्तायो की पहली पंसद है ।
यदि पोहरी क्षेत्र की बात करे तो हमेशा से जातिगत समीकरण पोहरी क्षेत्र में हावी रहे है पोहरी में धाकड़-बाह्मण बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण बाह्मण-धाकड़ उम्मीदबार ही क्षेत्र में जीत दर्ज करता है इस बार यदि भाजपा से पहले कांग्रेस अपना उम्मीदबार पहले घोषित करता है तो जिला किसान मोर्चा के अध्यक्ष सुरेश राठखेड़ा का नाम आता है इसके बाद प्रधुम्न वर्मा भी क्षेत्र में सक्रिय दिखाई दिया है जनपद अध्यक्ष भी वर्तमान में है इसके बाद शिशुपाल वर्मा का नाम भी देवदारों में शामिल है पोहरी क्षेत्र में यदि राहुल गांधी या सांसद सिंधिया के युवा चेहरे पर टिकिट फाइनल होता है तो प्रधुम्न वर्मा या शिशुपाल वर्मा में से एक पर कांग्रेस पार्टी दाव खेल सकती है
इसी प्रकार भाजपा की बात करे तो यदि भाजपा ने पहले उम्मीदबार घोषित किया और भाजपा से धाकड़ उम्मीदबार मैदान में आता है तो कांग्रेस दे पूर्व विधायक हरिबल्लभ शुक्ला,गिर्राज एचवाड़ा,एनपी शर्मा का नाम चर्चा में है
पोहरी क्षेत्र में भाजपा में भी दावेदारों की लंबी लिस्ट है कांग्रेस से पहले भाजपा उम्मीदबार घोषित करता है तो वर्तमान विधायक प्रहलाद भारती का नाम सबसे पहले आता है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह व कैबिनेट मंत्री यशोधरा सिंधिया के खास माने जाते है एव पोहरी विधानसभा में दो बार लगातार जीतकर पोहरी विधानसभा से इतिहास रचा है इस लिया टिकिट काटने का सवाल ही नही बनता है यदि किसी कारण बस टिकिट कट जाता है तो केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की खास समर्थक एव समाज सेवी डॉ सलौनी धाकड़ का नाम उभरकर सामने आता है क्षेत्र में काफी समय से सक्रिय भी है जनता के बीच पकड़ भी मजबूत बताई जाती है।
मुख्यमंत्री के खास रिस्तेदारों में एक नाम पूर्व राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त एव किरार समाज के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलाब सिंह किरार का नाम भी क्षेत्र में चर्चा में है क्षेत्र मे जनता के बीच जन सम्पर्क कर अपनी पकड़ा क्षेत्र में मजबूत की है यदि किसी कारण बस कांग्रेस पहले उम्मीदबार उतरती है और धाकड़ को टिकिट देती है तो भाजपा से पूर्व विधायक नरेंद्र विरथरे का नाम सबसे पहले लिस्ट में माना जा सकता है विवेक पालीवाल ,दिलीप मुदगल भी अपनी देवदारी जाता चुके है भाजपा से कैलाश कुशवाहा भी क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय दिखाई दे रहे है
यदि भाजपा पहले धाकड़ को टिकिट फाइनल करती है और कांग्रेस मुंगावली की तरह दाव खेलती है और 2018 के चुनाव में दोनो धाकड़ उम्मीदबार मैदान में हो सकते है। यदि बात कांग्रेस से करे तो धाकड़ में से दोनो युवा चेहरे में से एक पर मोहर लाग सकती है
जो जानकरी सामने आ रही है उसके अनुसार पोहरी से भाजपा व कांग्रेस पार्टी अपने उम्मीदबार की घोषणा 20 तारीख के आसापास कर सकती है