अभिषेक जैन मुंगावली-जैन जगत के प्रमुख संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज 30 साल बाद जिले की भूमि को अपने चरणों से पावन करेंगे।
ललितपुर उप्र में पंचकल्याण महोत्सव के बाद देवगढ़ होते हुए आज दोपहर मुंगावली नगर में प्रवेश करेंगे। उनकी आगवानी के लिए जिले का पूरा समाज तैयारियों में जुटा है।
1987 मे प्रथम बार पधारे थे थूबोनजी आचार्य श्री
इससे पहले आचार्य श्री अतिशय क्षेत्र थूबोनजी में वर्ष 1987 में पधारे थे। उसके पहले वर्ष 1979 में भी राजस्थान से विहार कर थूबोनजी आए थे जहां आचार्य श्री चातुर्मास किया था। थूबोनजी के प्रचार मंत्री विजय धुर्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि आचार्य श्री ने देवगढ़ से विहार करते हुए मदऊखेड़ी में रात्रि विश्राम किया। मंगलवार की सुबह आचार्य श्री मदऊखेड़ी से विहार कर चिरोला गांव में धर्मसभा को संबोधित करेंगे। वहीं शाम तक मुंगावली में मंगल प्रवेश करेंगे।
जिस नाव में बैठकर की बेतवा नदी पार, उसके ठेकेदार ने आजीवन मछली व्यापार नहीं करने का लिया संकल्प जन जन मे जो अहिंसा शाकाहार का उद्घोष करते वह है आचार्य श्री
गुरुदेव का यह सन्देश सचमुच परिलक्षित नज़र आया
खुद जियो औरो को भी जीने दो विद्या गुरु का ये फरमान है
मांस निर्यात बंद करो विद्या गुरु का ये फरमान है
गोशाला बनाये हम दूध की नदिया बहांये हम
ये संस्क्रती हमारी है हम अहिंसा के पुजारी है
हम कहे तो अतिश्योक्ति नहीं है इस युग के भगवान
आचार्य श्री महान
ललितपुर उप्र में पंचकल्याण महोत्सव के बाद देवगढ़ होते हुए आज दोपहर मुंगावली नगर में प्रवेश करेंगे। उनकी आगवानी के लिए जिले का पूरा समाज तैयारियों में जुटा है।
1987 मे प्रथम बार पधारे थे थूबोनजी आचार्य श्री
इससे पहले आचार्य श्री अतिशय क्षेत्र थूबोनजी में वर्ष 1987 में पधारे थे। उसके पहले वर्ष 1979 में भी राजस्थान से विहार कर थूबोनजी आए थे जहां आचार्य श्री चातुर्मास किया था। थूबोनजी के प्रचार मंत्री विजय धुर्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि आचार्य श्री ने देवगढ़ से विहार करते हुए मदऊखेड़ी में रात्रि विश्राम किया। मंगलवार की सुबह आचार्य श्री मदऊखेड़ी से विहार कर चिरोला गांव में धर्मसभा को संबोधित करेंगे। वहीं शाम तक मुंगावली में मंगल प्रवेश करेंगे।
जिस नाव में बैठकर की बेतवा नदी पार, उसके ठेकेदार ने आजीवन मछली व्यापार नहीं करने का लिया संकल्प जन जन मे जो अहिंसा शाकाहार का उद्घोष करते वह है आचार्य श्री
गुरुदेव का यह सन्देश सचमुच परिलक्षित नज़र आया
खुद जियो औरो को भी जीने दो विद्या गुरु का ये फरमान है
मांस निर्यात बंद करो विद्या गुरु का ये फरमान है
गोशाला बनाये हम दूध की नदिया बहांये हम
ये संस्क्रती हमारी है हम अहिंसा के पुजारी है
हम कहे तो अतिश्योक्ति नहीं है इस युग के भगवान
आचार्य श्री महान