आचार्यश्री ने इच्छा जाहिर की, चंद्रप्रभु जिनालय के पास खाली जमीन पर बन सकता है सहस्त्रकूट जिनालय

अभिषेक जैन मुंगावली -आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद से प्रदेश के गिने चुने शहरों में मुंगावली शहर भी शामिल हो सकता है। शुक्रवार को चंद्रप्रभू जिनालय मंदिर का अवलोकन कर आचार्य श्री ने सहस्त्रकूट जिनालय निर्माण के लिए मौजूद इंजीनियरों से जमीन की जानकारी ली। उल्लेखनीय है कि सहस्त्रकूट जिनालय फिलहाल प्रदेश में कहीं नहीं बना है लेकिन कुछ स्थानों पर आचार्यश्री के आशीर्वाद से इनका निर्माण चल रहा है। आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज शुक्रवार को चंद्रप्रभू जिनालय के पीछे लाल पत्थर से बन रहे करीब 30 करोड़ रुपए की लागत के मंदिर का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मंदिर निर्माण की पूरी जानकारी वहां मौजूद इंजीनियर चंद्रेश भगत से ली। इसके बाद उन्होंने बच रही जमीन की जानकारी भी इंजीनियर से ली।
जब इंजीनियर से बताया कि मंदिर की जमीन के बाद भी कुछ जमीन बच रही है तो उन्होंने सहस्त्रकूट जिनालय बनाने की इच्छा जाहिर की। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में अभी तक किसी भी शहर में सहस्त्रकूट जिनालय नहीं है लेकिन कुछ स्थानों पर जिनालय का निर्माण चल रहा है। इसमें आगामी भविष्य में मुंगावली भी शामिल हो सकता है। मुनि पुंगव सुधासागर जी महाराज ने रखी थी नींव- मुंगावली में बन रहे मंदिर की नींव मुनि पुंगव और आचार्य श्री के परम शिष्य सुधासागर जी महाराज ने रखी थी। आचार्य श्री ने इसी निर्माणाधीन मंदिर के आगे की तरफ सहस्त्रकूट जिनालय बनाने के लिए इंजीनियर से जानकारी ली। इंजीनियर ने आर्किटेक्ट से डिजाइन तैयार करवाने की बात कही। उल्लेखनीय है कि सहस्त्रकूट जिनालय तैयार होता है तो निर्माण की लागत करीब 7 से 8 करोड़ रुपए और बढ़ जाएगी।

आचार्यश्री के साप्ताहिक प्रवचन 9 को दोपहर 2 बजे से-आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ (48 पिच्छी) शहर में विराजमान हैं। आचार्य श्री के साप्ताहिक प्रवचन का कार्यक्रम घोषित हो गया है।
    

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