कोई हमारे प्रति गलत सोचे, लेकिन तुम उसके प्रति गलत मत सोचो: मुनि विश्रांत सागर

अभिषेक जैन बूंदी-नैनवां रोड रजतगृह कॉलोनी में स्थित श्री शीतलनाथ दिगंबर जैन मंदिर में बुधवार को मुनि श्री विश्रांत सागर जी  महाराज के सानिध्य में सुबह विशेष शांतिधारा की गई।  इसके बाद मंदिर परिसर में सुबह 8:30 बजे मुनि श्री  विश्रांतसागरजी  महाराज के मंगल प्रवचन हुए। मुनि श्री  ने कहा कि कोई हमारे प्रति गलत सोचे, लेकिन तुम उसके प्रति गलत मत सोचो। क्योंकि उसकी गलती तुम्हारे कर्मों के कारण बन रही है। जैसे ही तुम्हारे पुण्य कर्मों का अवसर आएगा वह स्वयं ही तुम्हारे साधना में मार्ग बन जाएगा।
उन्होने कहा कि जब कोई तुम्हारे बारे में गलत बोल रहा हो तो तुरंत प्रतिक्रिया न कर उस पर विचार करो कि उसकी गलत साेच क्यों बन रही है हो सकता हो कि तुम्हारे कर्मों के फल के कारण ही हो। कोई तुम्हारे को गलत बोले तो तुम उसके साथ गलत मत बोलो। धैर्य के साथ ही उसकी बात सुनो। उन्होंने आगे कहा कि जीवन में पुरुषार्थ के बिना कुछ नहीं मिलता है। जीवन में पुण्य कि प्राप्ति भी पुरुषार्थ से ही प्राप्त होती है, जहां पुरुषार्थ होता है वहां पुण्य बन ही जाता है। जीवन में हर मनुष्य को पुरुषार्थ करना चाहिए।
  

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