अभिषेक जैन दमोह -प्रत्येक प्राणी के पास ज्ञान होता है, किंतु मोह के कारण वह सम्यग ज्ञान को प्राप्त नहीं कर पा रहा है। ज्ञान के दुरुपयोग के कारण ही प्राणी का संसार भ्रमण हो रहा है। राग रहित ज्ञान की परिणीति मोक्ष की यात्रा करा देता है। पंचकल्याणक पवित्र से पावन बनाने की प्रक्रिया है जो कि हमारे नगर में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के मंगल सानिध्य में होने जा रहा है। दमदार मोह दमोह वालों का कम हो तथा मोक्ष का मार्ग प्रशस्त हो। उपरोक्त उद्गार आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य मुनि श्री अभय सागर जी महाराज ने दिगंबर जैन धर्मशाला में प्रातः काल अपने मंगल प्रवचनओं में अभिव्यक्त किए।
मनुष्य केओ अपने समय का सदुपयोग कर लेना चाहिये प्रभात सागर जी
इस मौके पर प्रभात सागर जी महाराज ने अपने प्रवचनों में कहा कि मनुष्य को अपने समय का सदुपयोग कर लेना चाहिए क्योंकि पुण्य के अवसर कम मिलते हैं पुण्य से ही धन की प्राप्ति होती है, मात्र दुकान खोल लेने से नहीं।
समर्पण ही गुरु भक्ति का साधन है मुनि श्री निरीह सागर जी
मुनि श्री निरीह सागर जी महाराज ने कहा कि समर्पण ही गुरु भक्ति का साधन है।
ज्ञान के दुरुपयोग से ही प्राणी का संसार में भ्रमण हो रहा है : मुनिश्री अभय सागर जी
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Thursday, December 27, 2018
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