मन पतंग की तरह है और उसकी डोर आपके हाथ में हैं: मुनिश्री

बूंदी-नैनवां रोड रजतगृह कॉलोनी स्थित श्रीशीतलनाथ दिगंबर जैन मंदिर में मुनि श्री  विश्रांत सागरजी  महाराज का मंगल प्रवचन हुए।
मंगल प्रवचन में मुनि श्री  ने कहा कि मन पतंग की तरह है। जो हवा के साथ उड़ने की ओर कही पर भी जाने की कोशिश करता है। उस पर नियंत्रण रखना आप के हाथों में है। आप मन की डोर को नियंत्रित रखकर उसे संयम रूपी दर्शन मे बांध सकते है। इससे मन इधर उधर नहीं भटकेगा। उन्होंने कहा कि इन्द्रियों को जीतने वाला ही जिनेंद्र होता है। महाराज श्री ने कहा कि व्रत, तप और साधना से मन को जीता जा सकता है। उन्होंने कहा कि मन तो इधर उधर भागेगा, तुमको मन को जीतना है। मन को हमेशा अच्छे विचारों पर लगाओ। मुनि विश्रांत सागर महाराज ने कहा मन यदि गलत मार्ग पर ले जाता है तो इसका नुकसान पूरे परिवार सहित समाज को भुगतना पड़ता है।
   संकलन अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमंडी

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