अभिषेक जैन कोटा-दिगंबर जैन मंदिर विज्ञान नगर में आचार्य शशांक सागर जी महाराज एवं मुनि संदेश सागरजी महाराज का पिच्छी परिवर्तन समारोह हुआ। समारोह के दौरान महाराज शशांक सागरजी ने कहा कि चतुर्गति का भ्रमण अनंत काल से चल रहा है और अनंत तक चलता रहेगा। इससे बचना है तो संतों की संगति में आना ही होगा। क्योंकि संतों की संगति से अज्ञान का विनाश होता है एवं आत्मा में ज्ञान और संयम का प्रकाश फैल जाता है, जो भव का अंत करके सुख शांति स्थापित करने वाला है। इसलिए एक धर्म ही शरण है और इस धर्म को प्राप्त करने के लिए ही चतुर्मास होते हैं। इस दौरान महिला मंडल ने भक्ति नृत्य प्रस्तुत किया।
चातुर्मास समिति के गौरवाध्यक्ष व अध्यक्ष ने बताया कि आचार्य शशांक सागर जी महाराज ने महिला मंडल बूंदी के नमोस्तु दिव्य घोष के साथ कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश किया। मंगलाचरण नृत्य के साथ बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत किया गया। चित्र अनावरण एवं दीप प्रज्ज्वलन किया। व स्वागत भाषण हुआ । पाद प्रक्षालनर, शास्त्र भेंटकिया गया । चातुर्मास समिति के मुख्य प्रवक्ता ने बताया कि आचार्य शशांक सागर जी महाराज को नई पिच्छी हिमांशु जैन जयपुर के द्वारा एवं मुनि संदेश सागर को नई पिच्छी टीकम चन्द पाटनी के द्वारा प्रदान की गई। आचार्य की पुरानी पिच्छी सीताराम अग्रवाल को एवं मुनि संदेश सागर की पिच्छी पदम पटवारी ने प्राप्त की। विधायक संदीप शर्मा एवं सांसद ओम बिरला ने भी उपस्थित होकर आचार्यश्री का आशीर्वाद प्राप्त किया।
संत आते हैं तो धर्म की गंगा बहती है : बिरला
सांसद ओम बिरला ने कहा कि जब जब भी संत आते हैं तो धर्म की गंगा बहती है। संतों की वाणी व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करती है। उनके दर्शन से नया मार्ग प्रशस्त होता है एवं वह धरती धन्य हो जाती है, जहां से जैन संत गुजरते हैं। विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि बड़े-बड़े संत कोटा की धरती पर आते हैं, मुझे तो आचार्य शशांक सागर महाराज का आशीर्वाद फला है।
: समारोह में चातुर्मास कलश स्थापना पर स्थापित कलशों का वितरण भी किया गया, महिला मंडल ने भक्ति नृत्य की प्रस्तुति दी
संतों की संगत से आत्मा में ज्ञान का प्रकाश फैलता है :मुनि श्री शशांक सागर
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Monday, December 17, 2018
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