मुनि जीवनभर स्वयं तो तपता है पर समाज को दिखाता है मोक्षमार्ग

अभिषेक जैन सागर -भाग्योदय तीर्थ में 8 दिसंबर से होने जा रहे मज्जिनेन्द्र पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में ज्येष्ठ मुनि श्री योगसागर जी महाराज  के समवसरण में गुरुवार को मुनि श्री  प्रयोग सागर  जी महाराज ने कहा
एक वृक्ष खजूर का होता है जिसमें फल तो मीठे लगते हैं परंतु वह छाया नहीं देता ।दूसरा वृक्ष बरगद का होता है जो छाया तो बहुत अच्छी देता है परंतु उसके फल किसी के काम के नहीं होते। एक बबूल का वृक्ष होता है जिसमें कांटे होते हैं और एक वृक्ष आम का होता है जिसमें रसीले, मीठे फल मिलते हैं एवं साथ ही वह हमें छाया भी प्रदान करता है। इसी प्रकार संत का जीवन होता है जो स्वयं तपता है परंतु समाज को मार्गदर्शन एवं मोक्ष मार्ग दिखलाता है ।मुनि प्रयोग सागर ने कहा अब सागर वालों की परीक्षा का समय है आचार्य श्री सागर नहीं आए तो कोई बात नहीं, उनके निर्देशों के अनुसार सागर समाज को इस पंच कल्याणक को ऐतिहासिक बनाना है। सागर की सभी कॉलोनी वालों को पंचकल्याणक में इंद्र इंद्राणी बनना चाहिए ।मुनि श्री ने कहा आचार्य सागर अवश्य ही आएंगे परंतु कब, यह मैं नहीं बता सकता। सागर वालों आप लोग अपनी प्यास बनाकर रखें और पुरुषार्थ करते रहे तो सागर वालों को गुरुदेव का चातुर्मास अवश्य ही मिल जाएगा।

   

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