भक्ति व आराधना में सांसारिक कामनाएं शामिल न हों : मुनिश्री

अभिषेक जैन भानपुर-जिनालय में गुरुवार को हुई धर्म सभा में मुनिश्री कुंथु सागर जी महाराज के प्रवचन हुए। उन्होंने कहा कि दान, सत्संग, पूजा व ध्यान श्रावक धर्म के अनिवार्य लक्षण हैं। इनका पालन होना चाहिए। भक्ति व आराधना में सांंसारिक कामनाओं को दूर रखा जाए। इसके पूर्व बड़ी संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं ने भगवान पार्श्वनाथ की पूजा-अर्चना की। कई लोगों ने मुनिश्री को श्रीफल भेंट किए।
गुरुवार को ही मुनिश्री पद विहार करते हुए शांतिनगर स्थित जिनालय पहुंचे। यहां शुक्रवार को चिंतामणि पारसनाथ महामंडल विधान प्रारंभ होगा। आचार्यश्री मानतुंग महाराज द्वारा रचित स्त्रोत महामंडल विधान भी किया जाएगा। पहले दिन सुबह 7 बजे भगवान का अभिषेक, शांतिधारा होगी। सुबह 9 बजे मुनिश्री के प्रवचन व शाम 6.30 बजे भक्ति संगीत व आरती होगी। अगले दिन के कार्यक्रम भी इसी तरह होंगे। इसके बाद 9 दिसंबर को शांतिनाथ नवयुवक मंडल व म्युजिकल ग्रुप दमोह द्वारा भजन संध्या आयोजित की जाएगी। इस मौके पर सभी अनुष्ठान ब्रह्म‌चारी धीरज भैया राहतगढ़ के निर्देशन में होंगे।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.