सागर-आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का विहार इस समय सागर की ओर चल रहा है। आचार्य संघ नरयावली तक आ गया है। गुरुवार को सुबह 8 बजे सकल दिगंबर जैन समाज सागर के लोग नरयावली पहुंचकर आचार्य संघ काे श्रीफल अर्पित करेंगे। 25 जनवरी शुक्रवार को आचार्यश्री की भाग्योदय तीर्थ पहुंचने की उम्मीद है। इसकी तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। आचार्यश्री का सागर में एक पखवाड़े से अधिक समय तक रुकना भी लगभग तय माना जा रहा है। इसकी वजह है 16 और 17 फरवरी को केंद्रीय जेल सागर में होने वाले हथकरघा प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन कार्यक्रम। यह आयोजन आचार्यश्री के सानिध्य में होगा।
आचार्यश्री ने ही 16 फरवरी की तारीख तय कर दी है। कार्यक्रम दो दिनों तक चलेगा। बताया गया है कि इस आयोजन में देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणव मुखर्जी, पांडिचेरी की उप राज्यपाल किरण बेदी, प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित मध्यप्रदेश और दो अन्य राज्यों के जेल मंत्री एवं करीब 10 डीजीपी भी शामिल हो सकते हैं। मुनिश्री सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया कि कैदियों को रोजगार से जोड़कर अपराध की दुनिया से समाज में पुनर्वास की भावना को लेकर आचार्यश्री की यह पहल है। इस तरह के केंद्र वे देश में कई जगह बनवाने के लिए प्रेरणा देने का काम कर रहे हैं।
10 हजार वर्गफीट में है केंद्र, बंदी साड़ी, कालीन और खादी के कपड़े बुनना सीखेंगे
करीब 10 हजार वर्गफीट में फैले इस प्रशिक्षण केंद्र का नामकरण आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के नाम पर ही किया गया है। इसमें 108 हथकरघा लगाए जाना है। जिनमें से 54 लग चुके हैं। प्रत्येक हथकरघा में एक साथ 5 बंदी साड़ी, कालीन, खादी आदि के कपड़े बुनने का प्रशिक्षण ले सकेंगे। वर्तमान में यह रह रहे करीब 300 बंदी इसमें प्रशिक्षण ले सकेंगे। इन बंदियों काे प्रशिक्षण के लिए चिन्हित किया जाएगा। इतना ही नहीं सागर के अलावा अन्य जेल के बंदियों को भी प्रशिक्षण लेने के लिए यहां बुलाया जा सकेगा।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
आचार्यश्री ने ही 16 फरवरी की तारीख तय कर दी है। कार्यक्रम दो दिनों तक चलेगा। बताया गया है कि इस आयोजन में देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणव मुखर्जी, पांडिचेरी की उप राज्यपाल किरण बेदी, प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित मध्यप्रदेश और दो अन्य राज्यों के जेल मंत्री एवं करीब 10 डीजीपी भी शामिल हो सकते हैं। मुनिश्री सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया कि कैदियों को रोजगार से जोड़कर अपराध की दुनिया से समाज में पुनर्वास की भावना को लेकर आचार्यश्री की यह पहल है। इस तरह के केंद्र वे देश में कई जगह बनवाने के लिए प्रेरणा देने का काम कर रहे हैं।
10 हजार वर्गफीट में है केंद्र, बंदी साड़ी, कालीन और खादी के कपड़े बुनना सीखेंगे
करीब 10 हजार वर्गफीट में फैले इस प्रशिक्षण केंद्र का नामकरण आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के नाम पर ही किया गया है। इसमें 108 हथकरघा लगाए जाना है। जिनमें से 54 लग चुके हैं। प्रत्येक हथकरघा में एक साथ 5 बंदी साड़ी, कालीन, खादी आदि के कपड़े बुनने का प्रशिक्षण ले सकेंगे। वर्तमान में यह रह रहे करीब 300 बंदी इसमें प्रशिक्षण ले सकेंगे। इन बंदियों काे प्रशिक्षण के लिए चिन्हित किया जाएगा। इतना ही नहीं सागर के अलावा अन्य जेल के बंदियों को भी प्रशिक्षण लेने के लिए यहां बुलाया जा सकेगा।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
