मधुबन-विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल मधुबन स्थित 20 पंथी कोठी में बुधवार को राष्ट्र संत गणाचार्य विराग सागरजी महाराज, वआचार्य निरंजन सागरजी महाराज ससंघ के सानिध्य में विश्व मैत्री कृति स्तंभ का लोकार्पण किया। इस अवसर पर विशेष पूजन की गई एवं स्तंभ का लोकार्पण किया गया।
संपूर्ण विश्व के प्राणियों में सत्य अहिंसा का प्रचार-प्रसार हो। विराग सागर जी
मौके पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए विराग सागरजी महाराज ने कहा कि उसका नाम विश्व मैत्री स्तंभ इसलिए रखा गया कि संपूर्ण विश्व के प्राणियों में सत्य अहिंसा का प्रचार-प्रसार हो। सभी लोग सत्य अहिंसा के रास्ते पर चलें, जीव हिंसा से बचें, अहिंसा के रास्ते से चल कर ही निर्वाण पद को प्राप्त किया जा सकता है। इसलिए इस स्तंभ का नामकरण विश्व मैत्री स्तंभ रखा गया। सभी देशों में विश्व के अंदर मित्रता बढ़े यह उनकी कामना है। कहा कि लोगों को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ आंदोलन में बढ़-चढ़ कर भाग लेना होगा। कन्या भ्रूण हत्या को रोकना होगा। साथ ही साथ बेटियों पर विशेष ध्यान देना होगा और यह जो नारा है बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ इसको सभी को सफल करना होगा।
विराग सागर जी महाराज का आज विहार
विराग सागर जी महाराज गुरुवार को मधुबन से विहार कर जाएंगे।
इटखोरी मंदिर का इतिहास बताया विराग सागर जी महाराज ने
इटखोरी के लिए 01 बजे दिन में मधुबन से वह पैदल इटखोरी तक निकलेंगे। उन्होंने कहा कि मान्यता है इटखोरी भद्रकाली मंदिर के पीछे बदलपुर में शीतलनाथ भगवान का जन्म स्थल है। इसलिए इसका विकास किया जाएगा। 18 जनवरी को इटखोरी में शीतलनाथ भगवान के जन्म कल्याणक स्थान पर मंदिर बनाने के लिए भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया जाएगा।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी