बूंदी -शहर के चौगान गेट जैन मंदिर में चल रही प्रवचनमाला में बुधवार को मुनि श्री विश्रांतसागर जी महाराज ने बताया कि संसार विभिन्न रिश्तों से बंधे प्राणियों का एक मेला है।
यहां अलग-अलग जगह से मेलार्थी आकर कुछ समय के लिए आपस में मिलते हैं, साथ चलते हैं, समय बिताते हैं और समय निकलने के साथ अपने-अपने पथ पर बढ़ जाते हैं। कोई एक कोस, कोई दो कोस तो कोई चार कोस तक साथ देता है, लेकिन आत्मा हंस के समान अकेली ही अनवरत अपनी यात्रा करती रहती है।
उन्होंने कहा कि संसार में रहने वाली विभिन्न जीवात्मा संयोग-वियोग रूप में संसार में जाने अनजाने कैसे-कैसे कर्म करती है, किंतु सभी को अपने कर्मों की तुलना में परमात्मा से हमेशा उत्तम फल की आस रहती है। व्यक्ति यह नहीं जानता कि फल तो कर्म से बंधे हैं, जैसा हमारा कर्म होगा, वैसा ही हमें फल मिलेगा। जब कर्म बंधन में बंधा प्राणी इच्छित फल नहीं मिलने पर निराश होता है और क्रोध करता है तो यह उसकी मूर्खता है। आत्मा को परमात्मा में प्रकट करने के लिए पहले संयम धारण करना पड़ेगा। आत्मा भी कर्म रूपी मेघ से आच्छादित है। बाहर प्रशंसा हो ना हो लेकिन स्वयं के भीतर भी ऐसे भाव रखो कि स्वत: प्रशंसा योग्य बने।
आज जेल में देंगे प्रवचन
मुनि व्यवस्था समिति संयोजक सुरेंद्र छाबड़ा व नमन जैन ने बताया कि । गुरुवार सुबह 7 बजे मुनि संघ का विहार सथूर के लिए होगा, जहां पर फार्म हाउस में आहारचर्या के बाद बूंदी जेल में दोपहर 1.30 बजे मुनिश्री के प्रवचन होंगे। वहां से मुनिश्री का विहार चौगान जैन मंदिर के लिए होगा।
किया। गुरुवार सुबह 7 बजे मुनि संघ का विहार सथूर के लिए होगा, जहां पर फार्म हाउस में आहारचर्या के बाद बूंदी जेल में दोपहर 1.30 बजे मुनिश्री के प्रवचन होंगे। वहां से मुनिश्री का विहार चौगान जैन मंदिर के लिए होगा।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
संसार कई रिश्तों से बंधे प्राणियों का एक मेला: मुनि श्री विश्रांत सागर जी
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Thursday, January 10, 2019
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