मोक्ष शाश्वत है दुख शाश्वत नहीं मुनि श्री पार्श्वनाथ जन्मकल्याण महोत्सव चोगान जैन मंदिर मे मंडल विधान का आयोजन

बूंदी-शहर के सबसे प्रसिद्ध जैन मंदिर चौगान जैन आश्रम में प्रवचन देते हुए मुनि श्री  विश्रांत सागरजी  महाराज ने कहा कि मोक्ष सुख शाश्वत है, लेकिन दु:ख शाश्वत नहीं है। व
्यक्ति विभाव में अधिक नहीं रह सकता, लेकिन स्वभाव में अधिक रह सकता है। पुण्योदय को पाकर पुण्य का दुरुपयोग नहीं करना। थोड़ा सा सुख पाकर ऐसा काम मत करना कि कलंकित हो जाओ, भले दु:खी हो जाना, लेकिन स्वयं को और धर्म को कलंकित करे ऐसा काम मत करना। संसार का सुख और संसार का दुख दोनों शाश्वत नहीं है। अच्छा काम करने वालों का साथ दुनिया देती है, लेकिन बुरा काम करने वाले का साथ भाई भी नहीं देता।
चौगान जैन मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ एवं चंद्रप्रभु स्वामी के जन्म-तप कल्याणक महोत्सव आैर नववर्ष की पावन वेला में संगीतमय भगवान पार्श्वनाथ महामंडल विधान हुआ। इसमें सौधर्म इंद्र , कुबेर इंद्र  व सकल दिगंबर जैन समाज के श्रावकों-श्राविकाओं ने भक्तिभाव से मंडल विधान पूजन किया और अर्घ समर्पित किए। पं. उदयचंद कोटा एवं मनीष शास्त्री गोठड़ा वालों ने विधान पूजन करवाया। दोपहर में मुनिश्री के सानिध्य में समाजबंधु शहर के प्राचीन एवं मनोहारी जैन मंदिरों के दर्शनार्थ पहुंचे। कार्यक्रम में सीकर, कोटा, टोंक, जयपुर, निवाई, हिंडौली, तालेड़ा, नैनवां, अलोद, चौथ का बरवाड़ा समाजजन आए थे। इस दौरान अनेक भक्त  मौजूद थे।
     संकलन अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमंडी


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