योगेन्द्र जैन भोपाल - मध्यप्रदेश में 7 तारीख से विधानसभा सत्र शुरू होना है इस सत्र से पूर्व कांग्रेस की मुश्किल बढ़ गई है क्योंकि इस सत्र में स्पीकर का भी चुनाव होना है ।
बता दे अभी कांग्रेस की सरकार अल्पमत में है यहां बसपा ने कांग्रेस को समर्थन दिया है। बसपा के दो विधायक हैं वहीं, चार निर्दलीय विधायकों ने भी कांग्रेस को समर्थन दिया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस का दो निर्दलीय विधायकों के साथ संपर्क नहीं हुआ है। जबकि कुछ कांग्रेस के विधायक भी सरकार से नजर चल रहे है जो मंत्री पद के दावेदार थे पर मंत्री पद न मिलने के कारण नजर विधायको को मानने की कोशिश की जा रही है
कांग्रेस संकट में,विधायक कर सकते हैं क्रास वोटिंग-विधानसभा के पहले सत्र में विधानसभा स्पीकर का चुनाव होना है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस को आशंका है कि कुछ विधायक विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। ऐसे विधायकों को मनाने के लिए दिग्विजय सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहींं, सरकार को समर्थन देने वाले दो निर्दलीय विधायकों का कांग्रेस के नेताओ का संपर्क नही हो पा रहा है ऐसे में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई हैं। माना जा रहा विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए भाजपा भी अपना उम्मीदवार खड़ा कर सकती है। हालांकि भाजपा की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष के लिए किसी भी नेता का नाम अब तक सामने नहीं आया है और ना ही भाजपा ने इसके बारे में कोई जानकारी दी है।
कई विधायक हैं नाराज,कांग्रेस सरकार मुश्किल दौर में-मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने सरकार तो बना ली पर मुश्किल कम होने का नाम ही नही ले रही है। बात करे तो कमलनाथ सरकार को विधानसभा में पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। सरकार के साथ सपा, बसपा और निर्दलीय हैं। कांग्रेस के कई सीनियर नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई है इस लिया कांग्रेस के कई विधायक नाराज हैं। इसके अलावा बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह ठाकुर (शेरा) को भी मंत्री नहीं बनाए जाने के कारण नाराज हैं औऱ सरकार को चेतावनी भी दे चुके हैं।। वहीं, कांग्रेस के कद्दावर नेता केपी सिंह और एंदल सिंह कंसाना को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने से उनके समर्थक नाराज हैं जबकि कई नेताओं ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायक भी सिंधिया को सीएम नहीं बनाए जाने से नाराज हैं और सरकार के खिलाफ वोटिंग करने की बात कह चुके हैं।
शिवराज ने दिया दिग्विजय सिंह को करार जवाब-दिग्विजय सिंह द्वारा भाजपा के दो पूर्व मंत्रियों नरोत्तम मिश्रा और भूपेंद्र सिंह पर लगाए गए हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, कांग्रेस सरकार अल्पमत की है लेकिन उनके पास हमसे ज्यादा संख्या है। इसलिए हमने पहले ही दिन स्पष्ट कर दिया था कि भाजपा सरकार नहीं बनाएगी।