पत्थर में भगवान देखने वालों, इंसान में इंसान देखना सीखो: मुनि श्री विश्रांतसागर जी महाराज

बूंदी-जिला जेल में प्रवचन देते हुए मुनि श्री  ने कहा कि व्यक्ति अपने आपको नियंत्रण में रखे तो कारागृह की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। सजा किसी को कष्ट देने के लिए नहीं, दूसरों को अपराध करने से बचाने के लिए दी जाती है।
बंदियों से मुनिश्री ने कहा कि जेल में सभी सुविधाओं व अपने परिवार से दूर रहकर रहना पड़ता है। सभी जाति, संप्रदाय के लोग जेल में एक साथ बिना किसी भेदभाव के रहते हैं। जेल यह शिक्षा देती है कि यदि पूर्व में सभी लोग सामूहिक सदभाव से रहते तो आज यहां दुखी नहीं होना पड़ता। मुनिश्री ने कहा कि एक बालक को कैंसर हुआ तो वह जीवन के अंत समय में प्रार्थना करता है कि भगवान ऐसी बीमारी किसी अन्य को नहीं देना । ऐसी प्रार्थना करने पर बालक का स्वास्थ्य सही हो जाता है। मुनिश्री ने कहा कि ऐसी भावना रखने वाले को कभी कष्ट नहीं आते हैं। किसी धर्मग्रंथ में जीवों को घात करने का उल्लेख नहीं मिलता। दुख भरी आंखों को आंखों से देखना सीखो। अपने प्राण जैसे औरों के प्राण देखना सीखो। पत्थर की प्रतिमा में भगवान देखने वालों इंसान में इंसान देखना सीखो। रावण का ही पुतला जलाया जाता है, राम का नहीं। कोई भी संप्रदाय का व्यक्ति हो, राम का पुतला नहीं जलाता है, क्योंकि राम ने किसी जीव का घात नहीं किया। रावण को सीता का मोह सताया, जिस कारण से आज तक रावण का पुतला जलाया जाता है।

हर व्यक्ति दुखी
मुनिश्री ने कहा कि हर व्यक्ति दुखी है और हर व्यक्ति चाहता है कि मैं दुखी ना रहूं। पाप से घृणा करो, पापी से नहीं। गर्म लोहे का गोला किसी दूसरे को मारने के लिए उठाने पर सबसे पहले स्वयं का हाथ जल जाता है। इसी तरह दूसरे को बुरा सोचने पर स्वयं को भी कष्ट भोगने पड़ते है। मुनिश्री के मार्मिक प्रवचनों को सुनकर कई कैदियों की अश्रुधारा बह निकली। जेल में प्रवचन के बाद मुनिश्री का विहार चौगान जैन मंदिर के लिए हुआ। सभा में डीएसपी जेल कैलाशचंद शर्मा,  मौजूद थे।
सथूर मंदिर में शांतिधारा हुई
गुुरुवार सुबह 7 बजे जैन मुनि श्री विश्रांत सागर जी महाराज चौगान जैन मंदिर से विहार कर सथूर जैन मंदिर पहुंचे। यहां दर्शन करने के बाद भगवान की शांतिधारा की गई। इसके बाद महेंद्र हरसौरा के फार्म हाउस पर महाराज के प्रवचन व आहार चर्या हुई।
देवपुरा में मंगल प्रवेश आज
मुनि व्यवस्था समिति संयोजक सुरेंद्र छाबड़ा और मनन जैन ने बताया कि मुनिश्री विश्रांतसागर जी महाराज व क्षुल्लक श्री विश्वोत्तमसागर जी  महाराज ससंघ शुक्रवार सुबह चौगान जैन मंदिर से विहार कर देवपुरा संभवनाथ जैन मंदिर पहुंचेंंगे। यहां मुनिश्री के प्रवचन होंगे। देवपुरा में मुनिश्री का अल्पप्रवास रहेगा।
     संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

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