आँवा-श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र सुदर्शनोदय तीर्थ क्षेत्र आवां में सोमवार को हर किसी की आंखें नम हो गई। जिसे देखो उसकी आंखों में आंसू छलक रहे थे। हर कोई गमगीन था। मौका था मुनि श्री सुधासागरजी महाराज के ससंघ विहार का। उनके यहां से चले जाने का हर किसी के दिल में परिवार का सदस्य चले जाने के समान गम सता रहा था। लेकिन संतों के लिए पूरे संसार की जनता एक समान है। और एक जगह से दूसरी जगह पर धर्म का प्रचार-प्रचार करने व जनता के हित में स्थाई निवास नहीं करते। इसी के चलते सोमवार दोपहर बाद करीब तीन बजे मुनि ससंघ जैन अतिशय क्षेत्र आवां से अलोद के लिए विहार कर गए। इस दौरान जैन समाज के लोग समेत आवां कस्बे के ही नहीं दूर-दराज से आए श्रद्धालु उनका आशीर्वाद लेने के लिए उनके चरणों में नत मस्तक हो गया। जैन समाज व अन्य श्रद्धालु उन्हें करीब छह-सात किमी दूर रात्रि विश्राम स्थल चकआनंदपुरा तक छोड़ने गए। सोमवार रात्रि विश्राम मुनि श्री ससंघ चकआनंदपुरा की स्कूल में करेंगे। यहां वे शाम को पहुंच गए थे। इस दौरान अनेक भक्त मौजूद थे
पंडित आशीष जैन ने बताया कि मुनि ससंघ अलोद जाएंगे। वहां उनके सानिध्य में 1 मार्च से तीन दिवसीय वेदी प्रतिष्ठा कार्यक्रम होगा। मुनि श्री सुधासागर जी महाराज करीब 18 साल पहले आवां में पहली बार आकर जैन अतिशय क्षेत्र का पता लगाया। उनके सानिध्य में जैन अतिशय क्षेत्र में बनाए गए मंदिर में विराजमान भगवान की प्रतिमाओं का पंचकल्याण किया।
अभी वे चतुर्मास से रुके हुए थे। अभी उनके सानिध्य में जैन अतिशय क्षेत्र में तीन बड़े मंदिरों का निर्माण करवाकर भगवानों की प्रतिमाएं विराजमान करवाई और छह दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय पंचकल्याणक करवाया। इसमें देशभर से हजारों श्रद्धालु आए।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी