सागवाड़ा -आचार्य सुनील सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में पुनर्वास कॉलोनी में भगवान विमलनाथ दिगंबर जैन मंदिर में पंचकल्याणक महोत्सव तहत गुरुवार को जन्म कल्याणक महोत्सव तथा आचार्य आदिसागर जी महाराज अंकलीकर का मुनि दीक्षा दिवस मनाया। धर्मसभा को सबोधित करते आचार्य गुरुवर सुनील सागर जी महाराज ने कहा है कि भारतीय संस्कृति में नारी को सर्वोच्च और सम्मान का स्थान दिया गया मगर फिर भी कई बार छल तथा अत्याचार से परिपूर्ण व्यवहार किया जाता रहा है। नारी को दोयम दर्जा देकर शोषण और भोग की वस्तु मान लिया लेकिन धीरे-धीरे समय बदल गया और वर्तमान में नारी शक्ति सशक्त होकर पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है। धर्म ग्रंथों में नारी को शक्ति स्वरूपा मानकर पूजा की जाती रही लेकिन व्यावहारिक तौर से महिलाओं के साथ व्यवहार कदाचित ठीक नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि नारी के साथ सम्मान और समानता का व्यवहार होना चाहिए क्योंकि बिना नारी के पुरुष का कोई अस्तित्व नहीं होता हैं। उन्होंने कहा कि वह मां भाग्यशाली होती है जिसके गर्भ से महान आत्माओं का जन्म होता, जो संसार के कल्याण के मार्ग पर ले जाता है। जन्म उत्सव मनाना देश की संस्कृति रही। पर, निरंतर स्वरूप बदलता जा रहा है। केक और मोमबत्ती बुझाने की प्रवृत्ति ज्यादा ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि ज़्यादा बेहतर है कि दीप जलाए जाएं और लड्डू बांटकर खुशियां मनाई जाए। उन्होंने गर्भ में पल रहे जीव की रक्षा करे तथा गर्भपात के उपायों से दूर रहने का आह्वान कर कहा कि बेटा और बेटियों में भेद नहीं किया जाए। कभी-कभी बेटों से भी ज्यादा बेटियां जग में पूरे परिवार तथा देश का नाम रोशन कर देती है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी