10 लाख से ज्यादा बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़,मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आंगनबाड़ी में अण्डा देने का प्रस्ताव*



पारस जैन "पार्श्वमणि "-भारत वर्ष राम कृष्ण महावीर का देश हैं। यहाँ कहा  जाता है कि दूध और घी की नदियां बहती थी। जिस देश को सोने की चिड़िया भी कहा जाता था। यहाँ की पूर्व की संस्कृति है ।यहाँ साधनों की नही साधना की ,चित्र की नही चरित्र की,वासना नही उपासना की, पूजा आराधना स्तुति की जाती हैनन्हे मुन्ने नो निहालो का भविष्य दाव पर साथ  लगाया  है।
*मध्यप्रदेश सरकार ने उनको मांसाहारी बनाने का कुचक्र चलाया है।*
*मध्य्प्रदेश सरकार द्वारा आंगनबाड़ी में अध्ययनरत 6 वर्ष तक के 10 लाख मासूम बच्चो को एवम गर्भवती महिलाओं को हर हप्ते में तीन बार अण्डा दिया जाएगा। कुपोषण की आड में आगामी 1अप्रेल 2020 से यह नियम लागू किया जाएगा।*इस पर सरकार 133 करोड़ खर्च करेगी।*
*पूरे भारत मे 9 राज्यो में अण्डा  देना शुरू हो चुका है। यह हमारी*भारतीय संस्कृति और मानवीय मूल्यों को तार तार कर उस पर कुठाराघात किया जा रहा है।*
*यदी  हम बच्चो को अभो से  अण्डा खिलायेगे तो बाद में सम्भव है वो मांस और शराब का सेवन भी करने लगें।  हिंदुस्तान के हिंदुत्व ओर जैन के जैनत्व की संस्कृति अब खतरे में पड़ गई हैं। उसकी रक्षा के लिये हम सब को राष्ट्रीय संन्तो के साथ संगठित होकर विभिन्न सामाजिक   संस्थाओं के माध्यम से इस पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने की मांग करना चाहिए।*
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*राष्ट्रीय संवाद दाता*
*पारस जैन "पार्श्वमणि"पत्रकार*
*कोटा (राज)*

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