सौरभ भार्गव करैरा - कांग्रेस ने लम्बे इंतजार के बाद कल देर शाम अपनी 18 उम्मीदबारो की सूची जारी कर ग्वालियर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने तीन बार के हारे प्रत्याशी अशोक सिंह पर दांव जरूर खेल है प्रत्याशी कांग्रेस ने भाजपा प्रत्याशी के अपेक्षा मजबूत उतारा है
लेकिन वर्तमान में कांग्रेस की सत्ता ने इस अनुकूल परिस्थिति को उनके विपरीत भी खड़ा कर दिया है । जैसे ही कांग्रेस सत्ता में आई तो रेत माफियाओ ने जिस तरह करैरा क्षेत्र में अवैध उत्खनन की बाढ़ लेकर आई चारो ओर उत्खनन एव अधिकरियों से सांठगांठ इन सभी कारणो से बहुत हद तक जनता में आक्रोश है । पोहरी विधानसभा में भी इसी प्रकार के हालात है जनता परेशान है चारो ओर लूट मची हुई है जनता के वादों को भूल जनप्रतिनिधि मलाई खाने में।लगये हुए है जनता की सेवा तो दूर की बात जनता तो जनप्रतिनिधि के दर्शन को भी तराश रही है जनता तो इन चार माह में बिजली से लेकर हर सुविधा को लेकर परेशान है।जनता को अब पूर्व सरकार की याद आने लगी है जिसके कार्यकाल में सरेआम लूट का खेल तो नही चलता था वतर्मान में रेत माफियाओं से लेकर बसूली देवता भी हर दरवाजे पर खेड़ है करैरा क्षेत्र में सोनचिरैया क्षेत्र में प्रतिबंधित के बावजूद प्रशासन ने जो कार्य किये गये है इन सबका हर्जाना भी कांग्रेस को लोकसभा में भुगतना पड़ेगा । जबकी उसी सोनचिरैया के फेर में करैरा से भितरवार तक सड़क अटक गई लेकिन माफिया राज खत्म नही हुआ । कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का मनोवल भी पूर्व की अपेक्षा गिरा हुआ क्योंकि विधानसभा में जिन कार्यकर्तो के मेहनत के बल पर करैरा व पोहरी विधानसभा में जीत हासिल की उन कार्यकर्तो की अपेक्षा जीतने के बाद पोहरी एव करैरा क्षेत्र में जनप्रतिनिधि द्वारा अनदेखी साफ देखने को मिल रही है।जिसका हर्जाना कांग्रेस को लोकसभा में भुगतान पड़ेगा। कांग्रेस प्रत्याशी मजबूत है लेकिन जितने मजबूत वह मोदी लहर में रहकर नरेंद्र सिंह तोमर को नाको चने चाव दिए थे वह स्थिति सत्ता में आने के बाद प्रत्याशी अशोक सिंह की नही है क्योंकि इस बार दोनो विधानसभा सीट से कांग्रेस का चार माह का विरोध भारी पड़ता देख रहा है अब देखना होगा कि कांग्रेस की राह आसन तो पोहरी एव करैरा क्षेत्र में नही देख रही है
लेकिन वर्तमान में कांग्रेस की सत्ता ने इस अनुकूल परिस्थिति को उनके विपरीत भी खड़ा कर दिया है । जैसे ही कांग्रेस सत्ता में आई तो रेत माफियाओ ने जिस तरह करैरा क्षेत्र में अवैध उत्खनन की बाढ़ लेकर आई चारो ओर उत्खनन एव अधिकरियों से सांठगांठ इन सभी कारणो से बहुत हद तक जनता में आक्रोश है । पोहरी विधानसभा में भी इसी प्रकार के हालात है जनता परेशान है चारो ओर लूट मची हुई है जनता के वादों को भूल जनप्रतिनिधि मलाई खाने में।लगये हुए है जनता की सेवा तो दूर की बात जनता तो जनप्रतिनिधि के दर्शन को भी तराश रही है जनता तो इन चार माह में बिजली से लेकर हर सुविधा को लेकर परेशान है।जनता को अब पूर्व सरकार की याद आने लगी है जिसके कार्यकाल में सरेआम लूट का खेल तो नही चलता था वतर्मान में रेत माफियाओं से लेकर बसूली देवता भी हर दरवाजे पर खेड़ है करैरा क्षेत्र में सोनचिरैया क्षेत्र में प्रतिबंधित के बावजूद प्रशासन ने जो कार्य किये गये है इन सबका हर्जाना भी कांग्रेस को लोकसभा में भुगतना पड़ेगा । जबकी उसी सोनचिरैया के फेर में करैरा से भितरवार तक सड़क अटक गई लेकिन माफिया राज खत्म नही हुआ । कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का मनोवल भी पूर्व की अपेक्षा गिरा हुआ क्योंकि विधानसभा में जिन कार्यकर्तो के मेहनत के बल पर करैरा व पोहरी विधानसभा में जीत हासिल की उन कार्यकर्तो की अपेक्षा जीतने के बाद पोहरी एव करैरा क्षेत्र में जनप्रतिनिधि द्वारा अनदेखी साफ देखने को मिल रही है।जिसका हर्जाना कांग्रेस को लोकसभा में भुगतान पड़ेगा। कांग्रेस प्रत्याशी मजबूत है लेकिन जितने मजबूत वह मोदी लहर में रहकर नरेंद्र सिंह तोमर को नाको चने चाव दिए थे वह स्थिति सत्ता में आने के बाद प्रत्याशी अशोक सिंह की नही है क्योंकि इस बार दोनो विधानसभा सीट से कांग्रेस का चार माह का विरोध भारी पड़ता देख रहा है अब देखना होगा कि कांग्रेस की राह आसन तो पोहरी एव करैरा क्षेत्र में नही देख रही है